No title


कितने *दूर*  निकल गए,
रिश्तो को निभाते-निभाते..,
              
खुद को  *खो*  दिया हमने,
अपनों को पाते-पाते....iii
              
लोग कहते है हम  *मुस्कुराते*  बहुत हैं,
और हम थक गए  *दर्द*  छुपाते छुपाते..
              
खुश हूँ और सबको  *खुश*  रखता हूँ,
लापरवाह हूँ फिर भी सबकी  *परवाह*  
करता हूँ..


मालूम है कोई मोल नहीं मेरा,
फिर भी.कुछ *अनमोल* लोगो
 से  *रिश्ता* रखता  हूँ !!

         आपका दिन शुभ हो 
        सदा *-मुस्कुराते* -रहिये .

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