सदैव अटल 

सदैव अटल 
            (कविता)
(पावन जयंती पर पूर्व प्रधान मंत्री भारत रत्न अटल बिहारी बाजपेई जी को कोटि कोटि नमन एवं विनम्र आदरांजलि।)

नाम अटल, काम अटल, पैग़ाम अटल, अटल को नमन अटल,
छवि अटल, कवि अटल, नेता वक्ता के साथ सोच विचार अटल।
शुरू से अंत तक, एडी से चोटी तक, ऊपर से नीचे तक सब अटल,
बचपन से जवानी, जवानी से वृद्धावस्था तक हर चीज अटल।
अल्फ़ाज़ अटल, अंदाज़ अटल, राह अटल, चाह और परवाह अटल,
अटल समाधि से निकल रहे पल पल, सुंदर प्रेम संदेश अटल।
नाम अटल, काम अटल…………….

याद अटल, फरियाद अटल, व्यक्तित्व से भरपूर आबाद अटल,
मोम अटल, फौलाद अटल, दिलों में हैं जिंदाबाद सदैव अटल।
दूसरी पुण्य तिथि है आई, लेकर आई नए नए सपने अटल,
कोटि कोटि नमन अटल को, छोड़ गए जो अपनी छाप अटल।
संस्कार अटल, व्यवहार अटल, देश हेतु हमेशा तैयार अटल,
कल आज कल में बना गए एक संबंध, एक नया रिश्ता अटल।
नाम अटल, काम अटल………………

कहानी अटल, पानी रवानी अटल, अटल की वाणी निशानी अटल,
सूरज अटल, चंदा अटल, दिल दरिया, मन गागर में सागर अटल।
सफल अटल से जुड़ी हर वस्तु अटल, दर्शन को मन रहा मचल,
गीत अटल, संगीत अटल, प्रीत अटल, रीत अटल और जीत अटल।
अटल इच्छाशक्ति से गए बहुत कुछ बदल, थे महान् अटल,
टूटे नहीं, झुके नहीं, जब कभी जीवन में विफल हुए अटल।
नाम अटल, काम अटल……………….

कोई भी सच्चा भारतीय चाहकर भी आपको नहीं भूल पाएगा। विश्व का पटल आपके बिना बड़ा सूना सूना लगता है।

प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित हैं।

सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)

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