आज हिंदी भाषा के सशक्त हस्ताक्षर और सुप्रसिद्ध पत्रकार श्री धर्मवीर भारती के जन्मदिन की समस्त साहित्य प्रेमियो को हार्दिक बधाई इस शुभ अवसर पर मैं उन को काव्यात्मक श्रृद्धांजलि अर्पित करता हूं
धर्मवीर भारती
प्रख्यात लेखक कवि आलोचक और उपन्यासकार
साहित्य के सूर्य और महान पत्रकार
अपने उत्कृष्ट लेखन से समाज को जागृत किया
वो हैं साहित्य के पुरोधा धर्मवीर भारती जिन का साहित्य क्षेत्र मे दिया सराहनीय योगदान
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश) इन का जन्मस्थान
पिता चिरंजी लाल वर्मा माता चंदादेवी की योग्य संतान
बचपन से ही पठन-पाठन मे रूचि और रूझान
माता पिता से प्राप्त किए धार्मिक संस्कार और अध्यात्मिक ज्ञान
घर से प्रारंभिक शिक्षा पाई
डी ए वी स्कूल प्रयागराज से भी शिक्षा पाई
कायस्थ हाईस्कूल से इंटर की परीक्षा मे सफलता पाई
प्रयाग विश्वविद्यालय से स्नातक और स्नातकोतर की उपाधि पाई
एम ए ( हिंदी ) मे सर्वोच्च अंक प्राप्त किए
विश्वविद्यालय ने चिंतामणि पुरस्कार से सम्मानित किया
डॉक्टर धीरेन्द्र वर्मा के निर्देशन मे पी एच डी की डिग्री पाई
बिषय सिद्ध साहित्य पर शोध कार्य किया
बचपन मे पिता की मृत्यु के पश्चात जीवन से संघर्ष किया
कठिनाईयों का डटकर सामना किया
ट्यूशन पढ़ाई और अपना अध्ययन पूरा किया
स्वतंत्र आंदोलन मे सक्रिय भाग लिया
राष्ट्र को स्वतंत्र कराने मे अहम योगदान दिया
अंग्रेज सरकार का डटकर विरोध किया
अपने अग्र लेखन से भारतीय जनमानस को जागरूक किया
प्रयाग विश्वविद्यालय मे अध्यापन कार्य किया
विश्वविद्यालय प्रयाग की पत्रिका हिंदी साहित्य कोष के संपादन मे सहयोग किया
इला जोशी के नेतृत्व मे संगम का संपादन किया
हिंदुस्तानी अकादमी मे अध्यापन किया
निकष पत्रिका का संपादन किया
प्रतिष्ठित पत्रिका धर्मयुग का संपादन किया
पत्रिका के स्तर को उच्च मुकाम प्रदान किया
अनेक युवा और नवोदित प्रतिभाओं को अवसर प्रदान किया
पत्रिका को घर घर मे लोकप्रिय किया
साहित्य क्षेत्र मे सराहनीय योगदान दिया
अपनी रचनाओ मे यथार्थ स्थिति का वर्णन किया
सामाजिक रूढ़ियों पर करारा प्रहार किया
अमरकृति गुनाहों का देवता का सशक्त लेखन किया
सूरज का सातंवा घोड़ा अंधा युग जैसे अनेक रचनाओ को रचित किया
साहित्य जगत मे पाठको का अपार स्नेह अर्जित किया
पत्रकारिता के क्षेत्र मे उल्लेखनीय योगदान दिया
सिद्धांत पर और निष्ठापूर्वक कार्य किया
मूल्यों पर कोई समझौता नही किया
कविता के क्षेत्र मे अद्वितीय योगदान दिया
अपनी कविताओ मे प्रकृति श्रृंगार रस का सटीक वर्णन किया
जन समस्याओ को व्यापक उजागर किया
अपनी रचनाओ मे मे सरल सहज और खड़ी बोली का प्रयोग किया
साहित्य मे अध्य्यन और यात्रा का उल्लेख किया
इतिहास और समकालीन स्थितियों का शानदार विवेचन किया
रचनाओ मे हास्य व्यंग्य का प्रयोग किया
जीवन मे प्राप्त किए अनेक पुरस्कार
भारत सरकार का प्रतिष्ठित पद्म श्री पुरस्कार
हल्दीघाटी श्रेष्ठ पत्रकारिता पुरस्कार, भारत भारती पुरस्कार
महाराष्ट्र गौरव पुरस्कार ,संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार और महाराणा फाउंडेशन पुरस्कार
व्यास सम्मान, राजेंद्र प्रसाद शिखर सम्मान
केडिया सम्मान
हे साहित्य के सूर्य आप को शत शत प्रणाम
आपकी लेखनी को सलाम
रचे कई नए आयाम
साहित्य के क्षेत्र मे अर्जित किए खूब मान सम्मान
अशोक शर्मा वशिष्ठ
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कविता