पूज्य अटल बिहारी जी को समर्पित
गीत
श्रेष्ट अटल की सृजित ऋचाएं।
जिनको आज हवाएं गाएं।
भारत के ऐसे प्रधान थे,
हिंदी के सेवक महान थे,
दुश्मन के भी मन को भाए।
सिर्फ अटल जी यह यश पाए।
इनने कमल उगाया घर-घर,
इनका जादू छाया सब पर,
युद्ध कारगिल हमें जिताए।
भारत की सैना को भाए।
यूएनओ में हिंदी बोले,
जग में हिंदी के पट खोले,
हिंदी प्रचलन बहुत बढ़ाए।
निज भाषा को पंख लगाए।
सूरज जैसा किया उजाला,
दीन हीन को दिया निवाला,
पाकिस्तान को सबक सिखाए,।
उसका उठता शीश झुकाए।
श्रेष्ट अटल की सृजित ऋचाएं।
जिनको आज हवाएं गाएं।
बृंदावन राय सरल सागर एमपी मोबाइल 7869218525
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