हम कैसे नवबर्ष मनाएं
हम कैसे नवबर्ष मनाएं।
ओमि क्रान की चलीं हवाएं।
ओमिक्रान कोरोना भाई,
एक कुआं है दूजा खाई,
इनसे खुद को आज बचाएं।
हम कैसे नवबर्ष मनाएं।
घर घर ग़म का है अँधियारा,
उसपर महंँगाई ने मारा,
बुझी बुझी सी आज फिजाएं।
हम कैसे नवबर्ष मनाएं।
बच्चों में है डोज बकाया,
इस डर ने बस हमें सताया,
फिर से हम-सब मास्क लगाएं।
हाथ धोंय दूरी अपनाएं।
यह संदेशा नये बर्ष का,
आया है नवबर्ष हर्ष का,
सावधान हो सभी मनाएं।
ओमि क्रानकी चलीं हवाएं।
हम कैसे नवबर्ष मनाएं।
ओमिक्रान की चलीं हवाएं।
बृंदावन राय सरल सागर एमपी मोबाइल नंबर 7869218525
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गीत