महापुरुषों का जन्म दिवस
पच्चीस दिसंबर खास बड़ा है दिन, क्रिसमस मना रहे सब जन।
दो महान विभूतियों का जन्म ,हुआ है देश में आज के दिन।
इक अटल बिहारी बाजपेई ,दूजे मदन मोहन मालवीय।
माँ भारती के लाल बने, दोनों ही देश सदाअनुकरणीय।
देश वाटिका के सुंदर पुष्पो की ,खुशबू फैली रहे चमन।।
दो महान विभूतियों का जन्म, हुआ है देश में आज के दिन।
राजनीति किये सेवादारी, मोहित कर सकी न कुर्सी प्यारी।
काशी विश्वविद्यालय की कर स्थापना, मदन त्याग किए भारी।
इनकी त्याग निष्ठा सेवा को ,याद करेगा हरदम ये वतन ।
दो महान विभूतियों का जन्म ,हुआ है देश में आज के दिन।
दोनों का व्यक्तित्व रहा अनूठा ,कृतित्व भूले कभी न भुलाए।
मदन मोहन जी वकालत छोड़, देश सेवा व्रत थे अपनाए।
भारत रत्न से दोनों सम्मानित ,इनसे नहीं है देश उरिन।
दो महान विभूतियों का जन्म ,हुआ देश में आज के दिन।
आत्म त्याग विद्या की प्रति मूर्ति, मुक्ति सत्य की दोनों मिसाल।
दोनों जैसा भूत,भविष्य न कोई ,देश सदा इन पर निहाल।
नमन कर जोड़ करते हम मना, सकते नही इक की इक के बिन।
दो महान विभूतियों का जन्म ,हुआ है देश में आज के दिन।
छोटे मन कोई बड़ा नहीं, टूटे मन से कोई खड़ा नहीं।
सूझबूझ से काम करने वाला, व्यक्ति अपने में अड़ा नहीं।
देश सेवा व्रत करने का संकल्प, लिए सदा थे दोनों जन।
दो महान विभूतियों का जन्म, हुआ है देश में आज के दिन।
निर्मल विराट ह्रदय दोनों का, यह महाकाल के अप्रतिम प्रखर।
अपनी अद्भुत सेवाओं से पहुँचाए देश को थे उच्च शिखर।
दोनों अनमोल अलौकिक रत्नों को गीता का कोटिशः नमन।
दो महान विभूतियों का जन्म हुआ है देश में आज के दिन
दोनों के जन्म दिवस के साथ हम गीता जयंती भी मनाये।
तुलसी पूजन भी हम करें उसे कभी न जीवन में बिसराये।
तुलसी पूजन खास है सभी जन क्यों भुला रहे हो अपने मन।।
दो महान विभूतियों का जन्म हुआ है देश में आज के दिन।
डॉ गीता पांडेय "अपराजिता"
रायबरेली उत्तर प्रदेश
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कविता