हे राम!

हे राम!

जिसने अपने हिसाब से  पूरी   दुनियाँ बनाई,
दुनियाँ वाले उसे अपने हिसाब से बना रहे हैं। 

जो पुरुषोत्तम सारी उम्र मर्यादा में बंधा  रहा,
उसकी सारी मर्यादा  बनाने वाले तोड़ रहे हैं। 

धनुष तो तोड़ा  सीता  संग    ब्याह   के लिए,
यह पता नहीं किस  लिए धनुष तुड़वा रहे हैं। 

जिसने अपने हिसाब  से  पूरी  दुनिया बनाई,
दुनिया वाले उसे अपने हिसाब से बना रहे हैं। 

जो रंग समझ में  आए  वही  रंग  भर देते हैं,
दयानिधि राम की  क्रोधित  मुद्रा  दर्शा रहे हैं। 

पुष्प वर्षा होनी  चाहिए जिन धनुष बाणों से,
बनाने वाले  बाणों  से  ज्वाला  बरसा  रहे हैं। 

राम ने धर्म की लड़ाई लड़ी  रावण के साथ,
यहाँ लोग धर्म के विपरीत लड़ाई लड़ रहे हैं। 

जिसने अपने  हिसाब  से  पूरी दुनिया बनाई
दुनिया वाले उसे अपने हिसाब से बना रहे हैं...। 

महेश राठौर सोनू
गाँव राजपुर गढ़ी
जिला मु0 नगर

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