“दिन आज का सुहाना मस्ताना शुक्रवार है,
मातारानी को प्रणाम जो शेर पर सवार है।“
सुनो सुनो मेरी कहानी, हे माता रानी,
तेरी महिमा बड़ी पुरानी, हे माता रानी।
बरसा दो कृपा का पानी, हे माता रानी,
सुनो सुनो मेरी कहानी, हे माता रानी।
सुनो सुनो मेरी कहानी………..
ये जीवन है भूल भुलैया, हे मेरी मैया,
पार लगा दो मेरी नैया, हे अम्बे मैया।
बना दो अब जिंदगानी, हे माता रानी,
सुनो सुनो मेरी कहानी, हे माता रानी।
सुनो सुनो मेरी कहानी…….....
तुम नारायणी हो, तुम हो जगतजननी,
दुनिया से नहीं अंजानी, हे माता रानी।
तेरी महिमा के गुण गाते दुनिया वाले,
लौटा दो शाम सुहानी, हे माता रानी।
सुनो सुनो मेरी कहानी………..
कोरोना से आज जान बचा लो सबकी,
भक्तों पर कृपा, है तेरी आदत पुरानी।
घर घर महामारी से लोग हुए परेशान,
दूर कर दो परेशानी, भोली माता रानी।
सुनो सुनो मेरी कहानी……….
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
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भक्ति गीत