हो चहुं ओर शान्त वातायन,
डगर डगर पर सुमन खिले,
मानव, पशु पक्षी, जलचर सब,
प्रेम भाव से सदा मिलें।
जीवन यापन, सहज सरल हो,
हिंसा से सब दूर रहें।
आपस में सहयोग भाव हो,
ना घमंड से चूर रहें।
छोटा कौन, बड़ा है क्या,
यह सवाल न आए कभी,
अहंकार को त्याग सदा,
मिल जुलकर अब रहें सभी।
लालच लोभ मोह को त्यागें,
क्रोध हृदय से दूर रखें,
हर अवसर पर, खुशी व्यक्त हो,
ऐसा मौका भरपूर रखें।
पद्म मुख पंडा, ग्राम महा पल्ली, जिला रायगढ़ छत्तीस गढ़
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कविता