महानगर मुंबई में रेलवे स्टेशनों पर वाटर एटीएम हुए बंद
कुछ वर्षों पहले मुंबई के स्टेशनों पर लाखों करोड़ों रुपए खर्च करके वाटर एटीएम लगाया गया था जिसका लाभ महानगर की जनता बखूबी ले रही थी। लेकिन उद्योगपतियों के कारनामों से या फिर कहें रेलवे अधिकारियों के लापरवाही से वाटर एटीएम पुर्ण रूप से बंद कर दिया गया यदाकदा किसी स्टेशन पर चालू होगा नहीं तो वहाँ पर भी बंद ही हो गया होगा। वाटर एटीएम से जहाँ लोग अपने बोतल में ₹1 से ₹5 देकर पानी रिफील करवाते थे और प्लास्टिक मुक्त शहर बनाने में मदद कर रहे थे वही अब मुंबई के स्टेशन पर वाटर एटीएम पूर्ण रूप से बंद कर दिया गया है। अब स्थिति यह हो गई है कि वाटर एटीएम धूल एवं जंग खा रहा है आखिर कौन सी ऐसी वजह रही जो इसे बंद करना पड़ गया। वाटर एटीएम लगने से सभी यात्री इसका नियमित लाभ लेते थे लेकिन आज स्थिति यह हो गयी है कि किसी भी व्यक्ति को प्यास लगता है तो वह पानी की बोतल को 10 या 20 रूपए में खरीद कर अपना प्यास बुझाता है और प्यास बुझाने के बाद उस बोतल को रेल के पटरी नालियों एवं सड़क पर फेंक देता है। जिससे यह प्लास्टिक सालों साल तक हमारे बीच में रहकर प्रदूषण फैलाते हैं। प्लास्टिक का बोतल 80 से 90 फीसदी हिस्सा लगफग 450 से 500 वर्ष नष्ट होने में लग जाते है। यानि हम यह कह सकते है कि जिस बोतल में हमने पानी पिया होगा वह अब भी हमारे आसपास धरा पर कहीं ना कहीं मौजूद होगा। एक सर्वे के अनुसार 1 घंटे में 6 करोड़ पानी की बोतल बेची जा रही है। बड़ी-बड़ी कंपनियाँ पानी के बोतल को बड़ा व्यापार मानकर नित प्रतिदिन करोड़ों बोतल बनाते चली जा रही है। पानी की बोतल पर रिसाइकल के लिए ₹15 पर केजी के हिसाब से लिखकर सरकार को बेवकूफ बनाने में कामयाब होकर अपना व्यापार धड़ल्ले से चला रही है। क्या इन फैक्ट्रियों का यह जिम्मेदारी नहीं है की प्लास्टिक को वह वापस से लेकर रिसाइकल करके पुनः उपयोग हेतु बनाएं जिससे अत्यधिक प्लास्टिक का प्रयोग ना हो सकें। आज पानी का व्यापार अरबो खरबो का है और अत्यधिक प्लास्टिक का कचरा निकलने से नित्य प्रतिदिन ना जाने कितने लाखों जानवर प्रदुषण की चपेट में आने से मर रहे है, मछलियाँ, समुद्री जीव इसके घातक रासायनिक क्रिया से मर रहे हैं। अगर ऐसा ही चलता रहा तो अगला नम्बर आपका और मेरा भी हो सकता है। मुझे तो लगता है महानगरों में अब एक सोची समझी साजिश के तहत वाटर एटीएम का खात्मा किया जा रहा है जिससे आम पब्लिक को बोतल पैक पानी खरीदने पर मजबूर किया जा सकें। क्या सरकार की यह जिम्मेदारी नहीं है की वह इन समस्याओं का निवारण करके वाटर एटीएम को पुनः से चालू करें और जहाँ पर आवश्यक हो वहाँ पर भी चौंक चौराहे पर वाटर एटीएम को लगाकर प्लास्टिक मुक्त शहर बनाने में मदद करें।
महेश गुप्ता जौनपुरी
Mumbai Halchal
Mumbai, Maharashtra
Western Railway
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