छत्तीसगढ़ प्रदेश हमारा

छत्तीसगढ़ प्रदेश हमारा

प्रदेश हमारा सबसे न्यारा - सबसे प्यारा
कल - कल करती छल- छल बहती नदियाँ
कर्म धर्म से सजी है यहाँ की बगियाँ
साहित्य सँस्कृति से सजी है गलियाँ
खेतों में लहलहाती    स्वर्ण बालियाँ।।
बिखरी रत्न प्रदेश के गर्भित  धराओं में
नन्हे कदम बढ़ते पाठशालाओं में
मोहक सुआ नृत्य करती हैं  बालाएँ
छुही गोबर मिट्टी से सजी घर की दीवालें ।
देवारी होली तीज हरियाली है त्यौहार
प्रेम संगीत माँदर ढ़ोल की बहती बयार ।
राम जी   की  यहाँ कथानक है
बोली -भाषा यहाँ की मानक है
श्रम उपार्जित फल अर्जित
मूल मंत्र है वासियों का
दिप रश्मियों से करें स्वागत 
स्वर्ण पल है     वासियों का ।
मंदिर मस्जिद पौराणिक स्थल 
जल मृग खग औषध से सजा रमणीय वनस्थल
आज प्रदेश की नींव  बसी थी
जन- गण की मुस्कान महक उठी थी
गाँव -  नगरी चहक उठे थे
पनिहारिनों की गघरी से जल छलक उठे थे।
नव -  निर्माण की आशाएँ लेकर 
सृजन शिल्पियों के साथ चलकर
प्रदेश नित दिन लिख रही है गाथाएँ।
किसान मजदूर के स्वेद बिंदु से 
विकासपथ से दूर हटती बाधाएँ
छत्तीसगढ़ प्रदेश से जुड़ी राष्ट्र की आशाएँ।
आओ !
 प्रदेशवासी मिलकर खींच देवें   स्वर्णिम बिंदु की रेखाएँ।।

        -  विजय पंडा  छत्तीसगढ़
         मो0 - 9893230736

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