आश्विन नवरात्रि पर विशेष 

आश्विन नवरात्रि पर विशेष 
                             गीत 
                   जय हो दुर्गे मैया 
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जय हो जय  हो  दुर्गे  मैया  महाशक्ति अवतारी।
भक्ति भाव से पूजन करने आया शरण तुम्हारी।।

करने  से नित अर्चन वंदन जीवन धन हो जाता।
पद सेवामें लगकर सभी मनोवांछित फल पाता।
देव, दनुज,मानव सभी को माँ पूजन तेरा भाता।
अग-जगमें सभी के माता तुम्हींहो भाग्यविधाता।

सभयअभय पलमें करती तुम्ही हो करूणा कारी। 
भक्ति भाव  से पूजन करने  आया शरण तुम्हारी।।

खप्पर त्रिशूल कटार करमें गले मध्य मुंड माला।
रौद्र रूप  विकराल  तुम्हारा अद्भुत   तेरी  माया।
रक्षक  है  भैरव  भैया  सदा  बने तुम्हारी  छाया।
फट जाती  दुश्मन की छाती देख तुम्हारी काया।

टारो  सभी  अंधेर   हे  माँ  करती  बाघ  सवारी।
भक्ति भाव  से पूजन करने आया शरण तुम्हारी।

दुर्गति नाशिनी दुर्गामाता निज दयादृष्टि घुमाओ।  
वाणी बुद्धि विचार जगतमें सबका शुद्ध बनाओ।
भटके जो  हैं सत्य राह से उनको पथ पर लाओ।
बढ़े परस्पर  प्यार सभी में ऐसा ज्योति जलाओ।

रहकर मानवता मध्य  सब कोई बने अविकारी।
भक्ति भाव  से पूजन करने आया शरण तुम्हारी।

विष्णु सदा शिव अज नारद जी तेरी महिमा गाते।
आरत भाव शरण में आके  देव भी सिर  झुकाते।
करती रक्षा  जब जाकर माता फूले  नहीं  समाते।
चढ़ विमान आकाश पथ से खुशी हो फूल वर्षाते।

अमन चैन से सिंच रही  हो त्रिलोक की फूलवारी।
भक्ति भाव  से  पूजन  करने आया शरण तुम्हारी।

कालीदास  दर्शन  कर  माता जीवन धन्य बनाये।
आल्हा उदल नित पूजन करी  शूर वीर कहलाये।
तरे  असंख्य जन  दर्शन पा सम्भव कहाँ  गिनाये।
धन्य  वहीं मानव  है जग  में  जो  तेरा  गुण गाये।

महिमा  तेरी  गजब  निराली  क्या  जाने संसारी।
भक्ति भाव  से पूजन  करने आया शरण तुम्हारी। 

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बाबुराम सिंह कवि 
बडका खुटहाँ ,विजयीपुर 
गोपालगंज (बिहार)841508
मो॰ नं॰ - 9572105032
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