19-20 नवम्बर को अयोध्या में होगा जन रामायण काव्यार्चन, भाग लेंगी जयपुर की कवयित्री सुखमिला अग्रवाल भूमिजा जी 

19-20 नवम्बर को अयोध्या में होगा जन रामायण काव्यार्चन , भाग लेंगी जयपुर की कवयित्री सुखमिला अग्रवाल भूमिजा जी 

देश विदेश के साहित्यकारों का लगेगा महाकुंभ
पूर्व संध्या पर 18 नवम्बर को जन कल्याण हेतु दीपदान

अंतरराष्ट्रीय साहित्य-कला संस्कृति संगम साहित्योदय के बैनर तले अयोध्या में आगामी 19-20 नवम्बर को श्री राम लला अंतरराष्ट्रीय साहित्योत्सव *जन रामायण काव्यार्चन* का आयोजन किया जाएगा। आयोजन की पूर्व संध्या पर सभी रचनाकार राम की पैड़ी में दीपदान कर आयोजन की सफलता और जन कल्याण हेतु कामना करेंगे। अयोध्या के जानकी महल में आयोजित जन रामायण उत्सव में दुनियाभर के कवि, लेखक, साहित्यकार और कलाकारों का विशाल जमावड़ा लगेगा। इस मौके पर विश्व के सबसे अनूठे साझा महाकाव्य *जन रामायण* सहित कई पुस्तकों का भव्य विमोचन, कवि सम्मेलन, विचार गोष्ठी, सम्मान समारोह और साहित्यिक पर्यटन होगा। दो दिवसीय साहित्य समागम में देश के कई लब्ध प्रतिष्ठित साहित्यकार और कलाकार शामिल होंगे। जन रामायण महोत्सव के मुख्य अतिथि के रूप में प्रभु श्रीराम को स्थापित किया जाएगा जबकि अन्य सभी विशिष्ट अतिथि के तौर पर मंचासीन रहेंगे। इस मौके पर विभिन्न क्षेत्र में उल्लेखनीय कार्य करने वालों को *साहित्योदय रामरत्न सम्मान* दिया जाएगा। आयोजन की अध्यक्षता प्रख्यात साहित्यकार डॉ बुद्धिनाथ मिश्र करेंगे। इस भव्य आयोजन की मुख्य आकर्षण पद्मश्री मालिनी अवस्थी और प्रख्यात टीवी कलाकार विजया भारती होंगी। प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ, उपमुख्यमंत्री ब्रजेश पाठक और स्थानीय विधायक वेद प्रकाश गुप्ता और राजघराने से वरिष्ठ साहित्यकार यतींद्र मिश्र जी सहित रामजन्मभूमि न्यास और मंदिर के महंत को भी आमंत्रित किया गया है। 11 सत्रों में 111 नामचीन कवि तथा कवयित्रियों द्वारा प्रभु श्रीराम की चरणों में काव्यपुष्प समर्पित किया जाएगा। जिसमें प्रख्यात कवि डॉ बुद्धिनाथ मिश्र, पंडित अनित्य नारायण मिश्र, हरीश निर्मल, ऋचा पाठक, अजय अंजाम, अनुराधा पाण्डेय, डॉ अखिलेश मिश्र, डॉ शोभा त्रिपाठी, सरला शर्मा, वीणा शर्मा सागर, डॉ कीर्तिवल्लभ , इन सभी महान साहित्यकारों के साथ मुझे (सुखमिला अग्रवाल भूमिजा) यह अवसर प्राप्त हुआ है।साथ ही अन्य कई गणमान्य
रचनाकार काव्यपाठ करेंगे। दूसरे दिन सभी रचनाकार प्रातः सरयू स्नान और रामलला दर्शन-भृमण करेंगे। साहित्य कला और संस्कृति के उत्थान एवं हिंदी को राष्ट्रभाषा घोषित करने के विषय पर संगोष्ठी चर्चा, काव्यार्चन और फिर सम्मान समारोह किया जाएगा।  
                  साहित्योदय के संस्थापक अध्यक्ष कवि पंकज प्रियम ने बताया कि जन रामायण स्वयं में एक अनूठा साझा महाकाव्य है जिसमें विश्व के 121 रचनाकारों ने मिलकर सहज, सरल और सरस जनभाषा में लिखा है। इसको लेकर गत वर्ष 5-6 दिसम्बर को जन रामायण पर साढ़े 26 घण्टे का ऑनलाइन कवि सम्मेलन कर वर्ल्ड रिकॉर्ड बना चुका है। उन्होंने बताया कि साहित्योदय पिछले कई वर्षों से साहित्य कला और संस्कृति के प्रचार प्रसार में कार्य कर रहा है। कोरोना काल मे सबसे पहले और सर्वाधिक 3 हजार से अधिक ऑनलाइन कवि सम्मेलन/काव्यपाठ/सम्मान करवा चुका है। साहित्योदय प्रकाशन के तहत अबतक कई पुस्तकें छप चुकी है। आयोजन को सफल बनाने में संजय करुणेश, सुरेंद्र उपाध्याय, राकेश रमण, किशोरी भूषण, भागवत पाठक, डॉ रजनी शर्मा, मनीष देव गुप्ता, मयंक श्रीवास्तव, डॉ आर के मतङ्ग, डॉ सुमति दुबे, प्रताप नारायण शुक्ल, प्रियदर्शिनी पुष्पा, डॉ मनोरमा अंशु सहित पूरा साहित्योदय परिवार लगा हुआ है।

Please Select Embedded Mode To Show The Comment System.*

Previous Post Next Post

Contact Form