अनुपमा ( सब की सहेली ) पत्रिका का प्रथम अंक स्त्री मन विशेषांक

 ( सब की सहेली ) पत्रिका का प्रथम अंक स्त्री मन विशेषांक
समीक्षक - सुशी सक्सेना


अनुपमा के प्रथम अंक स्त्री मन विशेषांक का सफल प्रकाशन अनुपमा एक ऐसी पत्रिका है जिसमें नये पुराने छोटे बड़े सभी तरह के कलाकारों को अपनी लेखनी चलाने का अवसर प्रदान किया जाता है और उन्हें सम्मान पत्र से सम्मानित किया जाता है। अनुपमा पत्रिका के शुभारंभ पर प्रथम अंक जो कि स्त्री मन पर आधारित था। उसका सफल प्रकाशन किया गया। उसमें बहुत से देश विदेश के रचनाकारों और सहयोगियों ने अपनी रचनाएं प्रकाशित करवाई, और जैसा की प्रथम अंक का विषय था *स्त्री मन* के अनुरूप अपने सृजन के माध्यम से बताया कि स्त्री मन की भावनाएं व्यक्त करना विविधता को समझने और सम्मानित करने का एक महत्वपूर्ण तरीका है। स्त्री मन में समाहित भावनाएं विविध हो सकती हैं, जैसे कि स्नेह, समर्थन, उत्साह, उम्मीद, चिंता, उत्साह, और साझा की हुई जिम्मेदारियों की भावना। इसके अलावा, विशेष रूप से मातृत्व, संवेदनशीलता, और साझेदारी के भाव भी महत्वपूर्ण होते हैं। व्यक्तिगत, सामाजिक, और सांस्कृतिक परिस्थितियों के आधार पर, ये भावनाएं भिन्न-भिन्न रूपों में प्रकट हो सकती हैं।
इसकी शुरुआत करने वाली साहित्य के क्षेत्र की एक नवोदित लेखिका अनुपमा है। और इसके सहयोगी सलाहकार डौली झा, प्रशान्त श्रीवास्तव और कनिका शर्मा जी हैं। जिन्होंने इसे बेहद लोकप्रिय बनाने का संकल्प लिया है। पत्रिका के प्रथम अंक में सभी वर्ग के लोगों के लिए सभी तरह की आवश्यक जानकारी साहित्य के रूप में मिलेगी। साथ ही इसमें कहानी, गीत, कविता, कथा, लघुकथा, आत्मकथा, आलेख, संस्मरण, गृहसज्जा, फैशन, खान पान, रिश्ते, ब्यूटी टिप्स, हेल्थकेयर, बुक समीक्षा, यात्रा, करियर, पैरेन्टिंग, परवाह आदि सभी तरह की रचनाएं पढ़ने को मिलेंगी। इसे यूनिक फील पब्लिकेशन द्वारा प्रकाशित किया जाएगा। इसके लिए सभी से अनुरोध है कि एक बार अनुपमा पत्रिका को अवश्य पढ़ें।

*अनुपमा ( सब की सहेली )*

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