हम युवा हैं इक्कीसवी सदी के
ऊर्जस्वित ओजस्वीत और तेजस्वीत
आओ मिलकर भारत को स्मृद्ध बनाये
स्वदेशी अपनाकर वैश्विक भागीदार बनें
नये कीर्तिमानो के आयाम हम
आओ मिलकर प्रतिमान गढ़े
नवसंचार के दीप्त शिखा को प्रज्वलित करें
हम युवा हैं इक्कीसवी सदी के
ऊर्जस्वित ओजस्वीत और तेजस्वीत
सकल जग के कर्णधार हम
स्वावलम्बन और आत्मनिर्भरता के आयाम बनें
आओ मिलकर भारत को स्मृद्ध बनाये
स्वदेशी अपनाकर वैश्विक भागीदार बनें
🖋©️कमलेश कुमार गुप्ता बिहार गोपालगंज
Tags:
कविता