जीवन के विभिन्न रंग

जीवन के विभिन्न रंग

जीवन के है अनेकों रंग  , 
        रहते धूप कहीं छाँव ।
कहीं रोटी को तरसे पेट , 
        कहीं काँटे चुभे पाँव ।।

शिक्षा को तरसते हैं बच्चें , 
        कहीं ज्ञान का भंडार ।
घात प्रतिघात सने जीवन ,
       रंजिस  डूबे संसार ।।

आशा और विश्वास भी है,
        है नफ़रत का दीवार।
आत्मीयता ले अंगड़ाई , 
    रहे करुणा और प्यार।।

अपने  पराये  का  है भेद ,  
     कहीं समर्पण  का भाव ।
 प्रेम स्नेह का धारा बहती , 
      मिटा जाती नफरत की घाव।।

जीवन में नैतिकता दिखते , 
      अभद्रता पकड़े है तूल ।
सुखमय है संस्कारी जीवन , 
     कहीं हृदय लगे है शूल ।।

सुंदरता सजते जीवन में ,
      कहीं  लगे  हैं  बेरंग।
सृष्टि में विभिन्नता समायें ,
      जीवन  के विभिन्न  रंग।।

पुष्पा ग़जपाल "पीहू"
महासमुंद (छ. ग.)

Please Select Embedded Mode To Show The Comment System.*

Previous Post Next Post

Contact Form