गीताश्री साहित्य भारती परिषद एवं मलिक फैंस क्लब नई दिल्ली के तत्वाधान में रविवार को हिंदी दिवस की पूर्व संध्या पर आयोजित "एक शाम कवि सम्मेलन के नाम" कार्यक्रम सफ़लतापूर्वक सम्पन्न हुआl मंच का संचालन चित्रा चक्रवर्ती जी ने बहुत ही शानदार कियाl सुनीता जी द्वारा प्रस्तुत मधुर सरस्वती वंदना से कार्यक्रम प्रारंभ हुआl मुख्य अतिथि के तौर पर की प्रसिद्ध बॉलीवुड हिन्दी फ़िल्मों की गायिका पार्वती खान जी की बधाई और शुभकामनाओं एवं विशिष्ट अतिथि के रूप में ट्रू मीडिया साहित्यिक पत्रिका व चैनल के प्रधान संपादक ओम प्रकाश प्रजापति जी के हिंदी में हस्ताक्षर करने के आह्वान के बाद सभी उपस्थित कवियों द्वारा बारी बारी से बेहतरीन काव्य पाठ किया गयाl कार्यक्रम की अध्यक्षता आपके शायर मित्र नरेश मलिक द्वारा की गई और अपने काव्य पाठ में मैंने ग़ज़लों की प्रस्तुति दी जिसे सभी ने पसंद किया और कवि सम्मेलन में कहे मेरे कुछ शेर मुलाहिजा फरमाएं --
जो शोहरत मिले तो ये बस ख्याल रखना,
फकीरों सा लहजा भी हर हाल रखनाl
अदब की रवायत न भूले कभी भी,
बशर आदतों को तू यू ढाल रखनाl
बुलंदी सदा संग रहती नहीं है,
न झूठा वहम तुम कोई पाल रखनाl
एक अन्य ग़ज़ल के शेर--
भाव दिल के लिख ग़ज़ल में,
दर्द अपना कह दे पल मेंl
शेर मिसरो का हुनर है,
कर बयां सब जी न छल मेंl
इश्क़ है तो बोल दे तू,
बात सच्ची ला अमल मेंl
नाव लहरों से डरे जो,
डूब वो जाती है जल मेंl
पूरा कार्यक्रम जूम एप्प के माध्यम से किया गया और अलग अलग स्थानों पर होने के बावज़ूद भी काव्य की एक शानदार और सफल महफ़िल सजी जिसका सभी ने लुत्फ़ लियाl उसी शानदार कार्यक्रम के कुछ उपलब्ध चित्र मैं आप सबके साथ बांट रहा हूँ जो नीचे इस पोस्ट के साथ संलग्न हैंl
--आपका मित्र नरेश मलिक
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साहित्य समाचार