गीत प्यार के अब तू गा रे लय न समय की हारे रे

रमेशराज की तेवरी.... 
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गीत प्यार के अब तू गा रे 
लय न समय की हारे रे |

आंत-आंत पर आज भूख के 
चलते रहते आरे रे |

अब तो रोज सियासत देती 
केवल झूठे नारे रे |

रोटी नहीं, हाथ पर तेरे
वे रखते अंगारे रे |

ठगते रहते हरदम तुझको 
वोटों के बंजारे रे |
+रमेशराज

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