पद्मा सचदेव
जम्मू की आन बान और शान
अपनी लेखनी से बढ़ाया डुग्गर धरती का मान
डुग्गर धरती की बेटी ,पद्मा सचदेव है उनका नाम
हर डोगरे को हैं उन पर गुमान
पुरमंडल (जिला सांबा) उनका जन्मस्थान
पिता जयदेव शर्मा (बड़ु) की सबसे बड़ी संतान
बचपन से ही साहित्यिक रूचि और रूझान
पिता जी से पाया प्रारंभिक संस्कृत ज्ञान
पिता संस्कृत के प्रकांड पंडित और विद्वान
पुरमंडल से की स्कूली पढ़ाई
जम्मू से उच्च शिक्षा पाई
मेधावी छात्रा के रूप मे पहचान बनाई
शिक्षकों से प्रशंसा और प्रतिष्ठा पाई
रेडियो कश्मीर जम्मू मे काम किया
श्रोताओं का प्यार अर्जित किया
दिल्ली रेडियो मे डोगरी समाचार वाचक का काम किया
अपने दिलकश अंदाज से श्रोताओं का दिल जीत लिया
स्वर कोकिला लता जी के सानिध्य मे आई
लता जी से अपार प्यार पाया
लता जी ने उन्हें अपनी बहन बनाया
पद्मा जी के अनुरोध पर 4 डोगरी गीत गा कर
एक नया इतिहास रचाया
डोगरों का मान बढ़ाया
प्रख्यात गायक सुरेंद्र सिंह सचदेव से विवाह किया
संगीत और साहित्य का अद्भुत मेल हुआ
जीवन में प्राप्त किए अनेक पुरस्कार
मेरी कविता मेरे गीत पर.पाया साहित्य अकादमी पुरस्कार
मध्यप्रदेश सरकार का कबीर सम्मान
उत्तर प्रदेश हिंदी साहित्यिक संस्थान का सौहार्द सम्मान
बिरला समूह का सरस्वती सम्मान
भीमसेन विद्यालंकर स्मृति सम्मान
साहित्य अकादमी का प्रतिष्ठित महत्तर सदस्यता सम्मान
आंध्र सरकार का जोशुआ पुरस्कार
साहित्य अकादमी का अनुवाद पुरस्कार
सोवियत लैंड पुरस्कार,राजा राम मोहन राय पुरस्कार
दीनूभाई पंत लाईफ टाइम एचीवमेंट अवार्ड
भारत सरकार का प्रतिष्ठित पद्म श्री पुरस्कार
अपनी रचनाओं मे प्रकृति से प्ररेणा पाई
धर्मवीर भारती से गद्य लेखन मे प्ररेणा पाई
इंद्र नाथ चौधरी प्रभाकर माचवे से साहित्यिक प्ररेणा पाई
हे सरस्वती पुत्री तुम्हें प्रणाम
डोगरी को दिलाया राष्ट्रीय पटल पर मुकाम
अशोक शर्मा वशिष्ठ
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कविता