वो कौन?
गरीब भी वही करता है
उसी गरीब के नाम पर वोट भी मांगता है
बेरोजागार भी वही करता है
और उसी बेरोजगारी के नाम पर वोट भी मांगता है
दंगा भी वही करवाता है
और दंगे के नाम पर वोट भी वही मांगता है
शिक्षा का बजट भी कम करता चला जाता है
उसी के नाम पर वोट भी मांगता है
धर्म के नाम पर भी लड़वाता है
और धर्म के नाम पर वोट भी मांगता है
अस्पतालों की हालत बद से बत्तर भी करवाता है
और उन्हीं के नाम पर वोट भी मांगता है
डॉक्टरों को सैलरी भी नहीं देता
और डॉक्टरों के नाम पर वोट भी मांगता है
भूखमरी भी वही करवाता है
उसी भूखमरी के नाम वोट भी मांगता है
अपराधियों को शह भी वही देता है
उसी अपराधियों को हटाने के नाम पर वोट भी मांगता है
पेड़ पौधों को वही कटवाता है
और उसी संरक्षक के नाम पर वोट भी मांगता है
जिस दौर में सैनिक सबसे ज्यादा शहीद हो रहे है
राजनीतिक फ़ायदेमंद के लिएं शहीदों के नाम पर वोट भी मांगता है
जिसका वो विरोध और घोर निंदा करता है
किसी दमख़म के वजह से अगर वो साथ हो गया
तो उसके साथ होकर वो वोट भी मांगता है
विज्ञापनों के आधार पर घर भी नहीं मिलता
फिर भी उनके नाम पर वोट मांगता है
आपस में लोगों को धर्म,जातियों और भाषा में फूट डालकर
फिर एकता का ढोंग के नाम पर वोट मांगता है
झूठे देशद्रोह का आरोप लगाकर
उनके नाम पर वोट मागता है
झूठे आतंकवादी का आरोप लगाकर
उनके नाम पर वोट मांगता है
अब तो वो जनता के अधिकार छिनने वाले जैस कानून भी बनवाता है
उसी कानून की दुहाई देकर वोट भी मांगता है
मीडिया को कमजोर करके
उसकी स्वतंत्रता के नाम पर वोट मांगता है
वो किसी देश का नेता ही होगा!
सिंह अमृत
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कविता