नववर्षाभिनन्दन

नववर्षाभिनन्दन

नव वर्ष तुम्हारा अभिनन्दन
है पथिक कर रहा है वन्दन
उपहार में लेकर आया हूँ
मिष्ठान और रोली चन्दन
जो बीत गया उसको भूला
बस पलकों में है तेरा झूला
आओ तुम नव खुशियाँ लेकर
दिल मेरा करता है क्रन्दन
नव वर्ष तुम्हारा अभिनन्दन
अब नया करो कुछ जीवन में
खुशियाँ भर दो सबके मन में
तन, मन सब पुलकित हो जाये
 नव सुमन खिलें दिल उपवन में
रज भी अब बन जाये चन्दन
नव वर्ष तुम्हारा अभिनन्दन
जीवन के नव पथ पर चलकर
प्रतिमान नये कुछ गढ़ना है
आने वाली नव पीढ़ी के हित
नये काम कुछ कुछ करना है
आने वाली नव पीढ़ी भी
करे सदा तुमको वन्दन
नव वर्ष तुम्हारा अभिनन्दन
जो गुजर गया उसको भूला
बहुत किया अब तक क्रन्दन
 है अस्त वर्ष को भी वन्दन
नव वर्ष तुम्हारे स्वागत में
लेकर आया अक्षत चन्दन
नव वर्ष तुम्हारा अभिनन्दन
विद्या शंकर अवस्थी पथिक कल्यानपुर कानपुर

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