हम हंसते गाते छोटे छोटे नन्हे बच्चे हैं
तुतलाती तुतलाती बोली मन के सच्चे हैं
बढ़ जाएंगे कदम हमारे खुले आसमान में
अच्छे काम करेंगे हम भी भारत मां की शान में
तूफानों से टकराना तो खूब मन को भाता है
आगे बढ़ना और संभलना यह भी हमको आता है
वीर तिलक करे माटी का सदा रक्त का नाता है
हम हैं कर्मवीर भारत के धरती भारत माता है
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बाल साहित्य