पढना/ सुनना जरा ध्यान लगा के
पढना/ सुनना जरा ध्यान लगा के
मालूम हमें आप हो
ब्रह्मांड के सबसे बड़े ज्ञाता
सब कुछ जानते हो फिर भी
क्यों देते हो संकट को बुलावा
चुनावों के बाद सत्ता मिलते ही
नेता बना लेंगें आम आदमी से दूरी
हम नही चाहते बुरा हो इनका भी
ईश्वर की इच्छा से
दो चार कम भी हो जाये ये तो
उनके ही नाम को भुनाकर
इनके वारिसदार बनकर नेता
शुरु कर देंगें अपनी दुकानदारी
आम इंसान को रोटी के लिये
पैसा कमाना जरुरी
कैसे बनाये बच्चों का भविष्य बेहतर
इसी उघेडबुन में
जिंदगी इनकी हर पल चलती
पैसा कमाने के लिये स्वयं का
अस्तित्व रखना भी जरुरी
समय को देखते हुये
घर में रहना हो गयी मजबूरी
कोरोना से न करो यारी
घर से बाहर निकल के
घर में प्यार मोहब्बत से रहकर
करो बीबी की सेवा
थोडी हट के
खुश होकर
खिलायेंगी वह खाना पेट भर के
उसी को समझना मेवा
हाथ खोपड़ीया पर रख के
घर में सुरक्षित रहकर ही
टी. वी, सोशल मीडिया से
लेते रहो गलत - सही
हर बात का संज्ञान
मोबाइलवा से पेलते रहो
सारे देश को ज्ञान
स्वयं को महान समझ के
आपके देशप्रेम को देखके
कोरोना भाग जायेंगा दुबक के
सतीश लाखोटिया
नागपुर, महाराष्ट्र
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कविता