कल्याण तेरा तभी होगा इंसा
जब तू मानवता दिखाऐगा
क्रूर रुप से करे जो कर्म अपने
बस ठोकर अलगाव पाऐगा।।
सोच जरा मानव देह दी उस
प्रभु ने सत्कर्म की उम्मीद लगाई
तेरे हर एक कर्म वो देख रहा
हिसाब उसके बहीखाते मे है भाई।।
क्या लाया था क्या ले जाऐगा
तेरा सतकर्म युगों तक गाया जाऐगा
सफल करले अपने जीवन को तू
सब नश्वर है धरा यही सब रह जाऐगा।
वीना आडवानी"तन्वी"
नागपुर, महाराष्ट्र
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कविता