हिंदी के महान साहित्यकार अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध

आज प्रसिद्ध कवि,साहित्यकार,नाटककार निबंधकार और खड़ी बोली के जनक श्री अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध की जयंती पर साहित्य प्रेमियों को बधाई

        अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध

  हिंदी के महान साहित्यकार अयोध्या सिंह उपाध्याय हरिऔध
अपनी सशक्त लेखनी से कराया समाज को वोध
उनकी रचनाओं की प्रशंसक है नई पौध
इनकी भाषा सरल और प्रौढ़

  निज़ामाबाद (जिला) आज़मगढ़ इनका जन्मस्थान
पिता भोलानाथ उपाध्याय की योग्य. संतान
बचपन से ही साहित्यिक रूचि और रूझान
अपने चाचा से पाया. फारसी भाषा का ज्ञान

    निज़ामाबाद से स्कूली शिक्षा पाई
बनारस में क्वींस कालेज गए करने पढ़ाई
स्वास्थ्य समस्या आढ़े आई
नहीं हो सकी पूरी पढ़ाई

   घर में जारी रखी पढ़ाई
उर्दू ,संस्कृत  अंग्रेजी मे महारत पाई

 निज़ामाबाद मिडिल स्कूल मे अध्यापन कार्य किया
अपने शिष्यों का योग्य मार्गदर्शन किया
उनका भविष्य संवार दिया

कानूनगो की सरकारी नौकरी पाई
अपनी निष्ठा से पद की गरिमा बढ़ाई
सेवाकाल के दौरान अधिकारियों से प्रशंसा पाई

सेवानिवृत्ति के बाद काशी हिंदू विश्वविद्यालय मे हिंदी के
प्राध्यापक का पाया मान
छात्रों को दिया भाषा का संपूर्ण ज्ञान

अनेक रचनाओं को रचित किया
महाकाव्य प्रिय प्रवास का लेखन किया
प्रतिष्ठित मंगला प्रसाद पुरस्कार प्राप्त किया

अधखिला फूल, वैदेही वनवास पारिजात
पद्म प्रसून रसकलश,महाकाव्य विश्व विख्यात

अपनी रचनाओं मे हर रस का प्रयोग किया
खड़ी बोली का खुलकर उपयोग किया
सामाजिक समस्या को अपनी रचनाओं मे उभारा
प्रकृति चित्रण को अपने साहित्य मे निहारा

हिंदी साहित्य सम्मेलन के बने प्रधान
भाषा को दिलाए यथोचित सम्मान
विद्या वाचस्पति का पाया सम्मान

हे दिग्गज साहित्यकार तुम्हें प्रणाम
ऊंचा किया साहित्य का नाम

        अशोक शर्मा वशिष्ठ

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