हे !कोरोना करो दया ।
हे! कोरोना करो नमस्ते जाओ भारत छोड़ ।
तुम्हें पकड़ने की लगी है दुनिया में भारी होड़ ।।
सोशल डिस्टेंस का पालन ही इलाज तुम्हारा है ।
बिना मास्क के जो घूमें बाहर समझो आवारा है ।।
चीन की औलाद और पाक की सरपरस्ती लगती है ।
हे कोरोना दाल तुम्हारी भारत में नहीं गलती है । ।।
भारत के वीर सपूत हर पल तुम पर भारी पड़ते हैं ।
योगाभ्यास करते और सोशल डिस्टेंसिंग करते हैं ।
मेहनत करने वाले किसान नहीं तुझसे डरते हैं ।
कोरोना के केस लापरवाही से ही ज्यादा बढ़ते हैं ।।
हे कोरोना दया करो भारत से अब प्रस्थान करो ।
तुम्हारे कारण स्कूल कालेजों पर भी ताले लगते हैं ।
रोजगार नौकरी व्यापार सब ही ख़तरे में पड़ते हैं ।।
सारी दुनिया के सभी राष्ट्र आज कोरोना से लड़ते हैं ।
योगी मोदी को कोरोना की दुहाई दे लोग आपस में लड़ते हैं ।।
हे कोरोना तुम दया करो भारत से अब प्रस्थान करो ।
जहां मिले गंदगी , लापरवाही वहीं तुम अब विश्राम करो ।।
आम आदमी को माफ करो और चीन के लिए प्रस्थान करो ।
सिकन्दर बनकर आये हो मत दुनिया को श्मशान करो ।।
हाथ जोड़कर है विनती हमारी भारत को तुम माफ करो ।
वैक्सीन का हथियार हमारे पास है अपना सूपड़ा साफ करो ।।
हे कोरोना दया करो भारत से अब तो खुद ही प्रस्थान करो ।।
जीवन दुखी हैं मानव जन का नमस्ते हमारी स्वीकार करो ।
हंसी खुशी संग संगी साथियों सहित भारत से प्रस्थान करो ।।
नहीं तो डोज पड़ेगी भारत की फिर तुम पर भारी ।
लेकर लट्ठ आयेंगे खदड़ने तुमको फिर कृष्ण मुरारी ।
कालय दमन फिर से होगा हैकडी खत्म होगी फिर सारी ।
राजी में कहते हैं हे कोरोना भारत से अब प्रस्थान करो ।
प्यार भरी नमस्ते लेकर मत हमको अब परेशान करो ।।
जय हिन्द जय भारत वंदेमातरम
चन्द्र शेखर शर्मा मार्कण्डेय
जनपद अमरोहा उत्तर प्रदेश
मोबाइल न 8192078541
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कविता