ऐसा भी इंसाफ नही है

ऐसा भी इंसाफ नही है  

  देखा होगा कभी   आपने ऐसा   भी इंसाफ नही है 
छोटा करे तो पाप कहलाए बड़ा करे तो पाप नही है 

  छोटा मेहनत की जो मांगे समझी जाती मक्कारी है  बड़ा एक के दस करता हो तो ये उसकी होशियारी है 
यह पावन कर्तव्य जगत का कहलाता इंसाफ नही  है  
छोटा करे तो पाप कहलाए बड़ा करे तो पाप नही   है 

 छोटा अगर बीड़ी ही पीता बहुत बड़ा करता हराम है 
  ओर बड़ा बोतल पीता होतो समझो ये पुण्य काम है 
   ऐसा अपने भारत का   भी  कोई नही   संविधान है 
  छोटा करे तो पाप कहलाए बड़ा करे तो पाप नही है 

  बड़ी दुकानों   से लो जो भी   उसी माल कॊ समझो  ओर यद छोटी दुकान हो उसी माल कॊ नकली समझो
 समझो यारों मन से ये भी तो  कोई इंसाफ नही   है  
  छोटा करे तो पाप कहलाए बड़ा करे तो पाप नही है 

   तुम्हें पाप अंडा खाने मे    पंडितजी कॊ दोष नही है 
 बड़े कवि जो भी लिख डाले उसमे खूब  वाह वाह है 
हमने अच्छा भी लिखा तो उसकी कीमत कोई नही है 
   छोटा करे तो पाप कहलाए बड़ा करे तो पाप नही है 

                       .निर्दोष लक्ष्य जैन

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