*(दहेज*)
आप सभी बुद्धिजीवियों से मेरे कुछ सवाल हैं
१. अगर आपकी होनहार बेटी की शादी के लिए एक अच्छा दामाद और अच्छा परिवार देख रहे हैं.. आपकी बेटी शारीरिक और मानसिक रूप से अच्छी है तो उसकी शादी के समय दामाद को गहने फर्नीचर इलैक्ट्रिक सामान के साथ साथ नगद पैसे क्यों देते हो??
२. क्या आपको लगता है कि आपका दामाद आपकी बेटी का खर्च नहीं उठा पाएगा? अगर ऐसा है तो अपनी बेटी उनके यहाँ क्यों ब्याह दी?
३. क्या आपको लगता है कि ज्यादा दहेज दोगे तो आपकी बेटी खुश रहेगी आपको बेटी की खुशी का गारंटी कार्ड मिल जाएगा?
४. क्या आपको कभी महसूस हुआ कि ऐसा करके आपने किसी गरीब लाचार बाप को कर्जदार बना दिया है?
५. और मैंने एक बात का अनुभव किया है कि जो लडका ज्यादा पढ़ा होगा या सरकारी नौकरी वाला होगा उसी को ज्यादा दहेज बड़ी गाड़ी चाहिए.. ऐसा क्यों है?
मेरी समझ से ऐसा होना नहीं चाहिए बल्कि इसका उल्टा होना चाहिए.. जो लोग पहले ही सर्व सम्पन्न हैं या नौकरी बिजनेस वाले हैं उनको #भीख की क्या जरूरत है
अब कुछ लोगों को ये बात बुरी लगेगी कि मैंने दहेज को भीख बोल दिया है, ये तो शगुन होता है.. ऐसे लोगों को मैं बता दूँ शगुन अपनी श्रद्धा से दिया जाता है, खुद से मांगी गई चीज भीख ही है क्योंकि अगर आप शारीरिक और आर्थिक रूप से अच्छे हैं तो बेटे की नौकरी का हवाला देकर दहेज या पैसे क्यों मांग रहे हैं, और मैं लड़की के माता पिता को भी एक सलाह देना चाहती हूँ कि आप अपनी झूठी शान दिखाने के लिए कर्जा उठा के दहेज मत दीजिये आपकी हैसियत अगर देने की है भी तो शादी के समय पर ना दीजिये बल्कि तब दीजिये जब उन्हें कोई खास जरूरत हो
आप लोग समाज के पथ-प्रदर्शक हो आप लोगों से ही समाज का पिछड़ा वर्ग सीखता है आप लोग उनके विकास का कारण बनो उनके विनाश का नहीं
दहेज लेना और दहेज देना दोनों ही कुरीतियों से समाज को छुटकारा दिलाने में अपनी भागीदारी दिखाईये और समाज के लिए प्रेरणा बनिए बस यही प्रार्थना है
*पिंकी राठौर एडवोकेट*
*प्रदेश महिला अध्यक्ष*
*उत्तर प्रदेश*
*आॅल इंडिया बंजारा सेवा संघ
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