चौपाई छंद

चौपाई छंद
तू कहे मोहे राम प्यारा मैं मानू घनश्याम,
एक धनुष टंकार लगाये एक चक्र सुदर्शन तान ।।
जाति धर्म के जाल में बेबस हुआ आज इंसान ।
धन पद गरिमा के लोभ में इंसान हुआ शैतान ।।
बहन बेटी सुरक्षित नहीं रहा न मान सम्मान ।
मोबाइल के इस दौर ने निकाली सब की जान ।।
आन बान शान सब बिन पैसे के बनती धूल ।
राम रहीम बन रहे आज धर्म के नाम पर शूल ।।
गुरु बिन ज्ञान न होत है बिन दीपक न प्रकाश ।
चन्दा भये न चांदनी  बिन सूरज  न हो आकाश ।।
जड़ चेतन सब भ्रम में कोरोना की ऐसी होती मार ।
जन मन में भय संत्रास हो तो कैसा जीवन सार ।।
राम नाम की लूट है लूटी जाये तो लूट ।
आज बड़े बाजार में कपड़ों पर छूट ।।
कल क्या होगा न जान सका अब तक कोय ।
राजनीति के क्षेत्र में मुर्दा भी जिन्दा होय ।।
देख खाल इंसान की इंसान सिकोडे नाक ।
ये कैसा वक्त है खुद को जान सके कभी आप ।।
जय हिन्द जय भारत वंदेमातरम
चन्द्र शेखर शर्मा मार्कंडेय जनपद अमरोहा उत्तर प्रदेश 

Please Select Embedded Mode To Show The Comment System.*

Previous Post Next Post

Contact Form