आशीर्वाद

 आशीर्वाद
दिल मे प्यार रखती हूँ।
हजारो तूफानो मे हौसला
बेशुमार  रखती हूँ।
भवसागर मे ना डगमगाए
मेरी नैया कान्हा पतवार
रखती हूँ।।
जीवन सरल रखती  हूँ।
चरित्र  पानी समान  रखती  हूँ।
मैं  कैसे गरीब  हो सकता हूँ।
बुजुर्गों की छाया  मे रहती  हूँ।।
नाव   कैसे डूब जायेगी  मेरी
कान्हा  जी को  पतवार   रखती  हूँ।
बच  जाती हूँ  बुरी बलाओ से
दुआएं  असरदार   रखती हूँ।।
मैं  गलत कैसे  हो सकती  हूँ
खुद  को कान्हा जी के समक्ष
समर्पित रखती हूँ।
हर संकट से निकल जाती हूँ।
माँ- बाबा के आशीर्वाद 
हमेशा अपने साथ रखती हूँ।
आकांक्षा रूपा चचरा
पद- शिक्षिका,कवियत्री,लेखिका,समाज सेविका
कटक ओडिशा
    
    

         













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