आज परम पूज्य बाबा लक्खी शाह बंजारे (लाखा बंजारा) की पुण्यतिथि पर नमन


आज परम पूज्य बाबा लक्खी शाह बंजारे (लाखा बंजारा) की पुण्यतिथि पर नमन
दुनिया भर में  फैला बंजारा समाज आज परम पूज्य बाबा लक्खी शाह बंजारे की पुण्यतिथि मना रहा है बंजारा समाज में बाबा लक्खी शाह का नाम बहुत ही मान सम्मान के साथ लिया जाता है 
क्षत्रिय धर्म निभा कर जन-जन की रक्षा करने वाले महान योद्धा निडर स्वाभिमानी बंजारा समाज का गौरव बाबा लक्खी शाह जिन्होंने कि अपने प्राणों की भी परवाह ना करते हुए औरंगजेब के किले से गुरु तेग बहादुर जी के शीश को लाकर  उनका अंतिम संस्कार किया उन्हीं की याद में दिल्ली में शीशगंज गुरुद्वारा बनाया गया है 
सिख धर्म के अनुयाई भी बाबा लक्खी शाह को मानते हैं और आदर पूर्वक उनकी पुण्यतिथि को मनाते हैं 
आज दूनियाँ भर का बंजारा समाज बाबा लक्खी शाह की पुण्यतिथि मना रहा है 
इस मौके पर देश के जाने माने सुप्रसिद्ध साहित्यकार मुजफ्फरनगर से बंजारा के महेश राठौर सोनू ने बाबा लक्खी शाह की पुण्यतिथि पर
समाज के नाम संदेश जारी करते हुए कहा है कि देश भर में बंजारा समाज की जनसंख्या 10 करोड़ से भी ऊपर पहुंच गई है हमें देश में अपनी उपस्थिति दर्ज कराने चाहिए और सामाजिक कार्यों में बढ़-चढ़कर भाग लेना चाहिए इस मौके पर उन्होंने बाबा लखी शाह के नाम पर लिखी अपनी एक कविता भी दोहराई पेश है बाबा लक्खी शाह बंजारा पर महेश राठौर सोनू  द्वारा रचित कविताए:-

*(जय बाबा लक्खी शाह*) 

औरंगजेब के फरमान से जब  विश्व  थर थर्राया था
तब  दुनिया  का बड़े से बड़ा योद्धा भी घबराया था
था फरमान  हाथ न लगाए तेग  बहादुर के शव को
तब युद्ध करने योद्धा लक्खी शाह बंजारा आया था
औरंगजेब के............

किलाबंदी की गई थी कोई योद्धा अंदर ना आ सके
गुरु तेग बहादुर जी के शव को कोई ले जा ना सके
दुश्मन की किलेबंदी  में हवाओं की तरह आया था
औरंगजेब के फरमान से  जब  विश्व थर थर्राया था
तब युद्ध करने योद्धा लक्खी शाह बंजारा आया था
औरंगजेब के........

गुरुओं ने सरों का सामना तलवारो  से करवाया था
गुरुओं ने जब अपने सरों का बलिदान करवाया था
औरंगजेब  की हर शर्त तोड़  लक्खी शाह बंजारे ने
गुरु तेग बहादुर के शव को दुश्मनो से छुड़वाया था,,
औरंगजेब के फरमान से  जब विश्व  थर थर्राया था
तब युद्ध करने योद्धा लक्खी शाह बंजारा आया था
औरंगजेब के .............

महेश राठौर सोनू 
गांव राजपुर गढ़ी 
जिला मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश


औरंगजेब के फरमान से जब  विश्व  थर थर्राया था
तब  दुनिया  का बड़े से बड़ा योद्धा भी घबराया था
था फरमान  हाथ न लगाए तेग  बहादुर के शव को
तब युद्ध करने योद्धा लक्खी शाह बंजारा आया था
औरंगजेब के............

किलाबंदी की गई थी कोई योद्धा अंदर ना आ सके
गुरु तेग बहादुर जी के शव को कोई ले जा ना सके
दुश्मन की किलेबंदी  में हवाओं की तरह आया था
औरंगजेब के फरमान से  जब  विश्व थर थर्राया था
तब युद्ध करने योद्धा लक्खी शाह बंजारा आया था
औरंगजेब के........

गुरुओं ने सरों का सामना तलवारो  से करवाया था
गुरुओं ने जब अपने सरों का बलिदान करवाया था
औरंगजेब  की हर शर्त तोड़  लक्खी शाह बंजारे ने
गुरु तेग बहादुर के शव को दुश्मनो से छुड़वाया था,,
औरंगजेब के फरमान से  जब विश्व  थर थर्राया था
तब युद्ध करने योद्धा लक्खी शाह बंजारा आया था
औरंगजेब के .............

महेश राठौर सोनू 
गांव राजपुर गढ़ी 
जिला मुजफ्फरनगर उत्तर प्रदेश

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