आज भारत के वहुमुखी प्रतिभा के धनी, साहित्यकार, राजनेता समाज सेवी पत्रकार स्वतंत्रता सेनानी और भारत के पूर्व खाद्य मंत्री श्री के एम मुंशी के जन्मदिन की समस्त भारतीयों को हार्दिक बधाई इस अवसर पर इन का काव्यात्मक परिचय प्रस्तुत है
के एम मुंशी
राजनेता,लेखक वकील और पत्रकार
स्वतंत्रता सेनानी ,शिक्षाविद और साहित्यकार
सादा जीवन उच्च विचार, जीवन पर्यंत रहे ईमानदार
वो हैं के एम मुंशी बचपन से पाए भारतीय संस्कार
भरूच (गुजरात) इन का जन्मस्थान
पिता माणिकलाल मुंशी माता तापीवेन की होनहार संतान
बचपन से ही कुशाग्र बुद्धि और ज्ञानवान
कन्हैयालाल माणिकलाल मुंशी इन का वास्तविक नाम
शुरू से ही पठन-पाठन की ओर रूचि और रूझान
आर एस दलाल हाई स्कूल से शिक्षा पाई
बड़ौदा कालेज से भी की पढ़ाई
स्नातक मे प्रथम श्रेणी पाई
अंग्रेजी बिषय मे अधिक अंक लाने पर अंबालाल सकारलाल पारितोषिक हासिल किया
शैक्षणिक योग्यता का परिचय दिया
कालेज के शिक्षक अरविंदो घोष ने प्रभावित किया
मुंबई विश्वविद्यालय से कानून स्नातक की उपाधि पाई
मुंबई उच्च न्यायालय मे वकालत का काम किया
महात्मा गांधी ,सरदार पटेल बड़ौदा के महाराज सायाजी राव गायकवाड़ और भूलाभाई देसाई ने प्रभावित किया
भारतीय स्वतंत्र आंदोलन मे सक्रिय भाग लिया
भारतीय होमरूल आंदोलन के सचिव पद पर कार्य किया
कांग्रेस पार्टी की सदस्यता पाई
स्वतंत्र संग्राम की लड़ी लड़ाई
मुंबई विधान परिषद की सदस्यता पाई
बारदोली सत्याग्रह आंदोलन मे सक्रिय भाग लिया
विधान परिषद की सदस्यता से त्यागपत्र दिया
गांधी जी के असहयोग आंदोलन और नमक सत्याग्रह मे भाग लिया
अंग्रेज सरकार ने इन्हे गिरफ्तार किया
फिर॔गी सरकार की दमनात्मक नीतियों का डटकर विरोध किया
कांग्रेस संसदीय सचिव के पद पर कार्य किया
कांग्रेस नेतृत्व ने इन की सेवाओ से प्रभावित हो कर मुंबई विधान सभा का टिकट प्रदान किया
विधान सभा चुनाव मे विजय पाई, जीत के बाद इन्हे मुंबई का गृह मंत्री नियुक्त किया
नेहरू म॔त्रीमंडल मे खाद्य और कृषि मंत्रालय का पदभार ग्रहण किया
उत्तर प्रदेश के राज्यपाल के पद पर कार्य किया
भारतीय संविधान सभा के सदस्य के रूप मे काम किया
छह संसदीय समितियों मे सदस्य मनोनीत हुए
मसौदा समिति ,ध्वजा समिति मे अहम योगदान दिया
हैदराबाद के एजेंट जनरल के पद पर कार्य किया
हैदराबाद के निज़ाम को भारत मे विलय करने के लिए विवश किया
सोमनाथ मंदिर का जीर्णोद्धार किया
कांग्रेस पार्टी की कुछ नीतियों पर मतभेद हुआ
कांग्रेस नेतृत्व से टकराव और मोहभंग हुआ
कांग्रेस पार्टी को अलविदा कहा
राजा जी,एन जी रंगा और पीलू मोदी के साथ मिलकर स्वतंत्र पार्टी का गठन किया
कुछ समय बाद वैचारिक मतभेद के चलते पार्टी से इस्तीफ़ा दिया,भारतीय जनसंघ मे प्रवेश लिया
विश्व हिंदू परिषद को स्थापित किया
साहित्य क्षेत्र मे सराहनीय योगदान दिया
एक सौ से अधिक पुस्तकों का लेखन किया
घनश्याम व्यास के कलमी नाम से लेखन किया
अखिल भारतीय हिंदी साहित्य सम्मेलन का अध्यक्ष पद प्राप्त किया
गुजराती साहित्य परिषद का प्रधान पदभार ग्रहण किया
विश्व संस्कृत परिषद का गठन किया
धारावाहिक नवलकथा का सृजन किया
पत्रकारिता क्षेत्र मे उल्लेखनीय कार्य किया
गांधी जी के संरक्षण मे यंग इंडिया मे सह संपादक का काम किया
मुंशी प्रेमचंद के नेतृत्व मे हंस का संपादन किया
गुजरात मासिक पत्रिका का संपादन किया
भार्गव मासिक पत्रिका को समर्पित किया
समर्पण पत्रिका का संपादन किया
शिक्षा के क्षेत्र मे सराहनीय योगदान दिया
भारतीय विद्या भवन को स्थापित किया
मफ्त पुस्तकालय स्थापित किया
पंचगनी हिंदू स्कूल राजहंस विद्यालय को स्थापित किया
मुंबई विश्वविद्यालय के फैलो और बिडला शिक्षण न्यास मे काम किया
पर्यावरण के क्षेत्र मे उल्लेखनीय कार्य किया
भारत मे वन महोत्सव का श्रीगणेश किया
भारतीय विधि संस्थान के बने कार्यकारी प्रधान
कृषि संस्थान आणंद के रहे प्रधान
समाज सेवा का काम किया
एंबुलेंस सेवा को आरंभ किया
मानसिक रूप से विक्षिप्त शिशुओं के लिए घर का निर्माण किया
बनारस हिंदू विश्वविद्यालय और सागर विश्वविद्यालय ने डी लिट की मानद उपाधि से सम्मानित किया
ओसमानिया, बड़ौदा और मुंबई विश्वविद्यालय ने एल एल डी की मानद डाक्टरेट से विभूषित किया
अफसोस कि भारत सरकार ने कोई नही प्रदान किया पद्म पुरस्कार
जिस के थे वो सच्चे और सही हकदार
हे असाधारण प्रतिभा के स्वामी आप को शत शत प्रणाम
आप के समर्पण भाव को सलाम
अशोक शर्मा वशिष्ठ
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कविता