सबसे पहले आई माँ

सबसे पहले आई माँ

मानवता का जन्म हुआ जब,सबसे पहले आई माँ ।
संघर्षों से मिले चुनौती ,समाधन सँग लाई माँ ।।
मेरे जैसे , जीव धरा पर ।
रात अँधेरी, मिले निशाचर ।
दिल दर्पण,  घर ध्यान परस्पर ।
दूर भले , स्थिति मन सुंदर ।।
फूल खिले जीवन इतराए , बगियों में परछाईं माँ ।
मानवता का जन्म हुआ जब , सबसे पहले आई माँ ।।
दृष्टि देव ध्वनि, राग कमाए ।
भावों में सब, भाव समाए  ।।
माँ बिन कौन ? राह दिखलाए ।
ह्रदय सबके, लाभ सिखाए ।।
दिन दूनी हो रात चौगुनी ,रब-सम ज्ञान सुझाई माँ ।
मानवता का जन्म हुआ जब , सबसे पहले आई माँ ।।
सहमे राग , सहें दु:ख सावन ।
ध्यान सुगम , होगी लय पावन ।।
लोभ द्वेष जग , दुःख के लक्षण ।
मात भवानी , सक्षम भक्षण ।।
अनुज-शब्द जंगल के राजा , शेर बैठ घर आई माँ ।
मानवता का जन्म हुआ जब ,सबसे पहले आई माँ ।।
डॉ अनुज कुमार चौहान "अनुज"
अलीगढ़ , उत्तर प्रदेश ।

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