नन्दन वन में, बदला मौसम, हुई बन्द बरसात।
शिशिर ऋतु ने लिया जन्म , ठंड मिली सौगात।
पशु पक्षी आनंदित हो कर, मना रहे त्यौहार।
फल फूलों से लदी डालियां, झूम उठे तरु पात।
आने वाला है बसन्त ऋतु, सबको है इंतज़ार।
बच्चे बूढ़े सब मिलकर अब, नाचेंगे इस बार।
धूप खिली है जंगल में यह देख ख़ुशी से
मोर।
नाच रहा पंख फैला कर, मचा रखा है शोर।
पद्म मुख पंडा ग्राम महा पल्ली जिला रायगढ़ छत्तीस गढ़
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बाल कविता