वीरों ने बल वेदी पर जिस हेतु सर्व सुख वारा।
भारत का गणतंत्र हमारा है प्राणों से प्यारा।
आजाद हिन्द फौज ले सुभाष चन्द्र आगे आये।
सत्य अहिंसा धारण कर गाँधी चरखा चलाये।
झांसी की रानी लक्ष्मीबाई की घनघोर लड़ाई-
कोटिक वीर सपूतों ने गणतंत्र हेतु शीश चढ़ाये।
भाग चले अंग्रेज हिन्द से वीरों ने ललकारा।
भारत का गणतंत्र हमारा है प्राणों से प्यारा।
आजादी हेतु आगे आये उन्हें शत-शत वंदन है।
यश से उनके भारत भूमि की मिट्टी भी चंदन है।
आजादी के अग्रदूतों वीर सपूतों भारत के-
शुचि गणतंत्र दिलाये तुम्हें कोटिशःअभिनंदन है।
सुख - शान्ति सर्वत्र आप हीं देकर प्राण पसारा।
भारत का गणतंत्र हमारा है प्राणों से प्यारा।
विश्व गुरू है देश हमारा भारत भूमि सबल है।
तप- त्याग शोर्य संतोष वीरता बलिदान अचल है
ज्ञान वरदान ऋषि-मुनियोंका शुभाशिष सर्वोपरि-
प्रगति का स्वर्णिम इतिहास सभी प्रश्नों का हल है ।
वेद शास्त्रश्रुति गीता रामायणका जग में उजियारा।
भारत का गणतंत्र हमारा है प्राणों से प्यारा।
बाबूराम सिंह कवि
बडका खुटहाँ, विजयीपुर
गोपालगंज(बिहार)841508
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कविता