शत शत नमन ..."स्वर की देवी"

शत शत नमन ..."स्वर की देवी"
स्वर की देवी तुम्हें नमन है,स्वर से जीत लिया  संसार।
स्वर कोकिला तुम्हें कहते हैं,तुम ही गीतों की आधार।।

ताकत  से  टुकड़ों  को  जीता  जा सकता है , पर तुमने।
सुर की सरिता बहा-बहाकर,जीत लिया ह्रदयों का द्वार।।

गलियां - गलियां गुजर रहीं , तेरी  कोकिल आवाजों से।
सुर लहरी के शमशीरों से , तुमने जमा लिया अधिकार।।

सात - सुरों  की देवी आना , यह आर्यावर्त तुम्हारा है।
तेरे चरणों में अर्पित है,जन-जन के अंसुवन की धार।।..."अनंग "

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