चमन का मन

चमन का मन 

जल रहा है क्यूं शांत वतन
भाईचारा से हो गई अनबन
हर कोई एक दुजै पे सवार
क्यूं हो रहा है देश में तकरार

ऋर्षियों मुनियों का था ये वतन
राष्ट्रवाद का महकता था चमन
कौन बन रहा है देश का दुश्मन
दहशत में है चमन का तन मन

कौन सुने इस मिट्टी की पुकार
कुरसी पाने पर हो रही है विचार
मारा मारा है देश की सरकार
वोट बैंक की चल रही तकरार

क्या हो रहा है ओ भगवान
क्यूं है देश जयचन्द पे मेहरबान
राष्ट्र का हो रहा है बड़ा नुकसान
बचा लो अपना प्रिय हिन्दुस्तान

शहीद पूर्वज अब कर रहे हैं सवाल
किस कारण हमने किया था बवाल
देश आजादी की था हाथ में कमान
लुप्त हो रहा है गौतम बुद्घ का जहान

बचा लो देश को ओ भगवान
सुरक्षित रहे हिन्द धरती पे महान
जयचन्द का कर दो अब संहार
रोक ले देश पे होता अत्याचार

उदय किशोर साह
मो० पो० जयपुर जिला बाँका बिहार
9546115088

Please Select Embedded Mode To Show The Comment System.*

Previous Post Next Post

Contact Form