मानव जीवन है अनमोल


    मानव जीवन है अनमोल

पकड़ प्यार सत्य धर्म  की डोर ,
बढ़   सर्वदा  प्रकाश  की ओर।
मधुर   वचन  सबहिं  से  बोल,
मानव   जीवन   है   अनमोल।

औरों    से   सद्गुण   सम्भाल,
निजका अवगुण दोष निकाल।
सत्य  वचन से  कभी  ना डोल,
मानव   जीवन    है   अनमोल। 

वैर- विरोध  का  नाम  मिटाओ,
आपस   में    सद्भाव   बढा़ओ।
मन  कि  गाँठें  ज्ञान   से  खोल,
मानव    जीवन   है   अनमोल।

पर - पीडा़   में   हाथ   बढा़ओ,
जग  में  सुख  सरस उपजाओ।
मानवता  महक का लेकर रोल,
मानव   जीवन    है   अनमोल। 

दीन - दुखिया ,अबला -अनाथ,
सबको   गले   लगा  लो  साथ।
पर   पीड़ा  में  दया  रस  घोल,
मानव   जीवन   है   अनमोल। 

कर   प्रभु  में  श्रध्दा - विश्वास,
मत   हो   जीवन   में   निराश।
हो   न   भक्ति  से  डांवा  डोल,
मानव    जीवन    है  अनमोल। 

हर  में  हरि  की  कर  पहचान,
सब   हैं   प्रभुवर  की   संतान।
यहीं  है  नर  जीवन  का  मोल,
मानव   जीवन    है   अनमोल। 

"""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""
बाबूराम सिंह कवि
बड़का खुटहाँ , विजयीपुर 
गोपालगंज(बिहार)841508
मो०नं० - 9572105032
"""""""""""""""""""""""""""""""""""""""""

Please Select Embedded Mode To Show The Comment System.*

Previous Post Next Post

Contact Form