वो यादें - काव्य लेखन प्रतियोगिता का आयोजन अनुराग्यम नई दिल्ली द्वारा किया गया
नव वर्ष के द्वितीय सप्ताह में अनुराग्यम नई दिल्ली के मुख्य मंच के फेसबुक और इंस्टाग्राम पटल पर साप्ताहिक काव्य लेखन प्रतियोगिता का आयोजन किया गया। यह साप्ताहिक प्रतियोगिता सोमवार 9 जनवरी 2023 से शनिवार 14 जनवरी 2023 तक चली। जिसका संचालन फेसबुक एवं इंस्टाग्राम पर किया गया था। इस साप्ताहिक प्रतियोगिता में प्रदत्त विषय "वो यादें" पर लगातार 6 दिनों तक काव्य लेखन कार्य किया गया। इस आयोजन में देश विदेश के कई कलमकारों ने जोर शोर से भाग लिया और प्रदत्त विषय के माध्यम से अपनी भूली बिसरी यादों को साझा किया।
तन्हाई में, याद बहुत आती हैं वो यादेंं।
किस्से कई लम्हों के सुनाती हैं वो यादें।
यूं ही नहीं बहते आंखों से अश्क हमारे,
इस दिल को बड़ा तड़पाती हैं वो यादें।
इस आयोजन में मंच पर संस्था संस्थापक श्री सचिन चतुर्वेदी नई दिल्ली, समूह प्रभारी मीनू बाला जालंधर पंजाब, सुशी सक्सेना इंदौर मध्यप्रदेश के साथ साथ समस्त " अनुराग्यम " परिवार उपस्थित था। इस प्रतियोगिता में भाग लेने वाले सर्वश्रेष्ठ कलमकारों के नाम जिन्हें अनुराग्यम की प्रमुख अन्वेषक डॉ तरुणा माथुर द्वारा चुने गए 5 सर्वश्रेष्ठ रचनाकारों में निकिता शर्मा वडोदरा गुजरात, निरूपा कुमारी कोलकाता पश्चिम बंगाल, अर्चना दीवान रायपुर छत्तीसगढ़, शिवेंद्र कुमार पाण्डेय सीधी मध्यप्रदेश, डॉ पवनेश ठकुराठी अल्मोड़ा उत्तराखंड से थे। साथ में श्रेष्ठ कलमकारों के नाम पूनम त्रिपाठी, गोरखपुर उत्तरप्रदेश, पुनीत श्रीवास्तव, इंदौर, मध्यप्रदेश, समता कुमारी, समस्तीपुर, बिहार, सुरेश अनजान, करौली, राजस्थान, रुचि असीजा, मैनपुरी, उत्तर प्रदेश, अर्चना श्रीवास्तव आहना, मलेशिया, कमला मूलानी, ठाणे, महाराष्ट्र, हरप्रीत कौर, कानपुर, उत्तरप्रदेश, मीता लुनिवाल, जयपुर, राजस्थान, नंदिता माजी शर्मा, मुंबई, महाराष्ट्र, प्रीति चतुर्वेदी, नई दिल्ली, वसुधा गोयल, देहरादून, उत्तराखंड, रेनू जैसवाल, कटिहार बिहार, निधि माथुर, नई दिल्ली, ममता गुप्ता, अलवर राजस्थान, सुनील कुमार, बहराइच, उत्तर प्रदेश आदि हैं। जिन्हें अनुराग्यम की ओर से सम्मान पत्र देकर सम्मानित किया गया।
आयोजन के अंत में संस्थापक श्री सचिन चतुर्वेदी जी ने समूह प्रभारी मीनू बाला एवं संचालिका सुशी सक्सेना के सहित सभी कलमकारों को धन्यवाद देते हुए उनका आभार व्यक्त किया और आयोजन का समापन किया।
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कविता