भारत के प्रथम  अंतरिक्ष  यात्री होने का पाया मान हम सब  को है इन  की महान  उपलब्धि पर गर्व और गुमान 

आज भारत के प्रथम  अंतरिक्ष  यात्री विंग कमांडर  राकेश  शर्मा के जन्मदिन  की हार्दिक शुभकामनाए  इस  अवसर पर इन  का काव्यात्मक परिचय प्रस्तुत है

                     राकेश  शर्मा

          भारत के प्रथम  अंतरिक्ष  यात्री होने का पाया मान 
हम सब  को है इन  की महान  उपलब्धि पर गर्व और गुमान 
भारत  की आन बान और शान 
राकेश  शर्मा  भारतीय  अस्मिता की है सच्ची पहचान 

       पटियाला (पंजाब) है इन  का जन्मस्थान 
पिता देवेन्द्र  नाथ शर्मा माता तृप्ता  शर्मा की प्रतिभावान संतान 
बचपन  से ही विज्ञान  की ओर रूचि और रूझान 
देखते  थे आकाश  मे जब उडते हुए  विमान 
दिल मे होती थी जिज्ञासा कैसे विमान  भरते हैं गगन  मे उडान

सेंट एन्स  हाईस्कूल सिकंदराबाद, सेंट  जार्ज  ग्रामर  स्कूल हैदराबाद  से शिक्षा पाई 
निजाम कालेज  हैदराबाद (ओस्मानिया  विश्वविद्यालय) से स्नातक  की उपाधि पाई 

    राष्ट्रीय  रक्षा अकादमी खड़गवासला  मे चयन  हुआ 
अकादमी से सफलतापूर्वक  प्रशिक्षण प्राप्त  किया  भारतीय वायुसेना  मे लड़ाकू  पायलट  के पद  मे चयन हुआ 

          भारत  पाकिस्तान  युद्ध  मे सक्रिय भाग  लिया
अदम्य साहस और शौर्य  का परिचय  दिया
लड़ाकू विमान  उड़ाने का सफल  प्रदर्शन  किया
राष्ट्र  पर आई आपदा का  साहस और वीरता से सामना किया
शत्रु के ठिकानो  को ध्वस्त  किया,अनेक  विमानो को नष्ट  किया

   रूस  और भारत  ने अंतरिक्ष अभियान पर  कार्य  आरम्भ  किया
राकेश  शर्मा का अंतरिक्ष  स्टेशन  के लिए  चयन हुआ 
वैकनूर  अंतरिक्ष  प्रशिक्षण  केंद्र  से कड़ा प्रशिक्षण प्राप्त  किया
प्रशिक्षण  के दौरान  बहुत  बड़ा हादसा हुआ 
उन  की प्रिय  बेटी मानसी का निधन  हुआ 
यह वीर इस  दुखद समाचार  से विचलित  नही हुआ 
राष्ट्रीय  हित  को परिवार से ऊपर  अधिमान  दिया
पूरे समर्पण भाव  से प्रशिक्षण  पूर्ण  किया

एतिहासिक दिन  तेरह अप्रैल को दो सहयोगी यात्रियों के साथ  अंतरिक्ष  मे प्रवेश  किया
एक  नए इतिहास  को स्थापित  किया
भारत  के प्रथम अंतरिक्ष  यात्री बनने का कीर्तिमान स्थापित  किया
विश्व  के 138 वे अंतरिक्ष  यात्री होने का सौभाग्य प्राप्त हुआ 
अंतरिक्ष  मे सात दिन तक  प्रवास किया
प्रवास के दौरान  योगाभ्यास  किया

    अंतरिक्ष मे प्रवास  के दौरान  पूर्व  प्रधान  मंत्री श्रीमती इंदिरा गांधी से वार्तालाप  किया
सारे जहां से अच्छा  हिंदुस्तान  हमाराअलामा इकबाल  के शेर का हवाला दिया
भारत  की महानता का पूरे विश्व  को संदेश  दिया 

    बीस वर्ष तक वायुसेना मे निष्ठापूर्वक कार्य  किया
अपनी योग्यता  से विंग कमांडर  तक का सफर  तय  किया
वायुसेना से सेदानिवृत  होने के बाद एच ए एल मे मुख्य  परीक्षण  पायलट  के पद पर कार्य  किया
इसरो के निर्देशक  मंडल मे काम  किया

   जीवन  मे प्राप्त किए अनेक पुरस्कार 
वीरता का सर्वश्रेष्ट अशोक  चक्र  पुरस्कार 
सोवियत संघ  का नायक  पुरस्कार 
संग्राम  पदक,सैन्य  सेवा पदक  विदेश  सेवा पदक  और पश्चिमी सितारा पुरस्कार 

   युग युग  जिओ भारत  के लाल
जीवन  मे किए  खूब  कमाल 
ऊंचा किया भारत  का भाल 
आप  का योगदान  बेमिसाल 

             अशोक  शर्मा वशिष्ठ

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