विश्वहिंदी दिवस की अनंत शुभकामनाएं

विश्वहिंदी दिवस की अनंत शुभकामनाएं

जन मन की भाषा हिंदी

हरित भूमि और सप्त सिंधु से सिंचित भाषा है हिंदी ।
 भारत की सोंधी माटी की शिलालेख भाषा है हिंदी ॥

 हिम शिखरों से तराई तक अविरल बहती है हिंदी ।
 ब्रज अवधी आल्हा दोहों की रानी है हिंदी । ।


 अट्ठारह बोली में बंधुत्व भाव भर ती है हिंदी ।
 मातृभाषा बन जन के विचार विमर्श करती है हिंदी ॥

 भारत के मध्य खड़ी है हिंदी उर्दू के संग चली है हिंदी ।
 हिंद देश की गंगा जमुनी तहजीब लिए बढ़ती हिंदी ॥

भारत की स्वर्णिम गाथा की शिलालेख भाषा है हिंदी ।
 जन मन को पावन करती तिथियों का वंदन है हिंदी ॥

 प्रार्थना मान सम्मान सहित विवेक की वाणी है हिंदी । मातृशक्ति आधार रही विश्व विरासत है हिंदी ॥

विश्व पटल पर पीर को कहती पीर को हरती है हिंदी ।
 व्याकरण लिए सरस भाव छलकती रहती है हिंदी ॥

साधना मिश्रा विंध्य
लखनऊ उत्तर प्रदेश

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