अनुराग्यम एक ऐसा संगठन है जो विज्ञान और प्रौद्योगिकी के साथ-साथ भारत की दिव्य कला, साहित्य, संस्कृति को बढ़ावा देता है। इसकी स्थापना श्री सचिन चतुर्वेदी द्वारा की गई। अनुरागम संगठन, भारत की कला और संस्कृति के माध्यम से बच्चों और युवाओं को प्रेरित करने के लिए कई राष्ट्रीय और अंतर्राष्ट्रीय बाल कला प्रतियोगिताओं और प्रदर्शनियों का आयोजन करता है। यह पृथ्वी पर मानव गतिविधि के कारण होने वाले मुद्दों के बारे में जागरूकता को भी बढ़ावा देता है। साथ ही अंग्रेजी में लिट्रो फैशनेट पत्रिका और हिंदी में कलायात्रा पत्रिका का प्रकाशन करता हैं। अनुराग्यम राष्ट्रीय विज्ञान दिवस और अभियंता दिवस पर प्रतियोगिताओं, प्रदर्शनियों, पुरस्कारों और विशेषज्ञ व्याख्यानों के माध्यम से बच्चों और युवाओं में वैज्ञानिक स्वभाव को बढ़ावा देने के लिए कई कार्यक्रमों को आयोजित करता हैं।
प्रत्येक वर्ष, 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस मनाया जाता है और पर्यावरण आंदोलनों की जीत की याद दिलाता है और भविष्य की पीढ़ियों के लिए ग्रह के प्राकृतिक संसाधनों के संरक्षण के महत्व को बढ़ावा देता है। पृथ्वी दिवस एक वार्षिक आयोजन है जो पर्यावरण आंदोलन की उपलब्धियों के महत्व के बारे में जागरूकता फैलाता है। 22 अप्रैल, 1970 को, पहला पृथ्वी दिवस का आयोजन हुआ। हमारा ग्रह एक अद्भुत स्थान है, इसे जीवित रहने के लिए हमारे समर्थन की आवश्यकता है। प्रदूषण और वनों की कटाई को रोकने के लिए, प्रत्येक वर्ष 22 अप्रैल को पृथ्वी दिवस समारोह के रूप में एक अरब से अधिक लोग कूड़ा बीनने और वृक्षारोपण जैसी गतिविधियों में भाग लेते हैं।
वैश्विक मानवतावादी तकनीकी कला और प्रदर्शनी (जी.एच.टी.ए.ई), अनुरागयम, नई दिल्ली, भारत की एक पहल है, जो हर साल पृथ्वी दिवस के अवसर पर पर्यावरण और विज्ञान से संबंधित कई जागरूकता गतिविधियों और प्रतियोगिताओं का आयोजन करता है। जागरूकता गतिविधियों और प्रतियोगिताओं में ड्राइंग और पेंटिंग, एलोक्यूशन कम एक्सटेम्पोर, डिबेट, स्लोगन राइटिंग, ट्री प्लांटिंग, पिक अप लिटर, साइकिल रैली, मैराथन और विशेषज्ञ व्याख्यान (यूट्यूब के माध्यम से - ऑनलाइन इवेंट) कराता हैं। हम बच्चों और युवाओं को उनके कौशल, ज्ञान और अनुभव को बढ़ाने के लिए एक मंच प्रदान करने के लिए प्रतिबद्ध हैं। तो, हम एक बार फिर पृथ्वी दिवस कार्यक्रम लेकर आए हैं, जिसमें विज्ञान, ज्ञान, कला, कौशल, पर्यावरण और संस्कृति शामिल हैं।
साइंटिस्टों द्वारा विशेषज्ञ व्याख्यान 20 अप्रैल 2023 से 22 अप्रैल 2023 तक यूट्यूब के माध्यम से भारत के अलग अलग राज्यों से 42 स्कूलों में ब्रॉडकास्ट किया गया जहाँ हज़ारों की मात्रा में छात्रों ने भाग लिया। साइंटिस्टों और पर्यावरण विशेषज्ञों के नाम इस प्रकार है डॉ गौरी शंकर गुप्ता (राजस्थान), डॉ अरविंद मिश्रा (उत्तर प्रदेश), डॉ बीजू धर्मपालन (केरला), डॉ बिकास कुमार जेना (भुवनेश्वर), डॉ ख़्वाजा एम रफी (नई दिल्ली), प्रो समीर कुमार पत्रा (ओडिशा), श्री सचिन सी नारवाडिया (नोएडा), श्रीमती श्रेष्ठाश्री स्वैन (कोलकत्ता), श्री हरीश यादव (जयपुर), डॉ अमित कौर पूरी (नई दिल्ली), डॉ एस एम फ़ैज़ानि (नई दिल्ली), श्रीमती पनतुला ललिता (विशाखापट्टनम)।
वैश्विक मानवतावादी तकनीकी कला और प्रदर्शनी (जी.एच.टी.ए.ई 2023) का श्री सचिन चतुर्वेदी (संस्थापक), श्रीमती प्रज्ञा मिश्रा (कन्वेनर विज्ञान विभाग), श्रीमती अंकिता बाहेती (प्रमुख विज्ञान विभाग), डॉ तरुणा माथुर (प्रमुख अन्वेषक), डॉ निधि बंसल (प्रमुख कला विभाग), श्रीमती विनीता पुंढीर (डायरेक्टर), सुश्री मीनू बाला (प्रमुख हिंदी विभाग), श्रीमती ममता रजक (आयोजन सचिव), श्रीमती सुशी सक्सेना (मीडिया प्रभारी) द्वारा आयोजित किया गया।
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