महबूब-ए खुदा से

किताबी हसरतें पाली ,
महबूब-ए खुदा से  !
जुदाई भी सहूँ ना,
अलविदा कह दूँ खुदा से !!
मनन्नतों और जन्नतों के ,
चंद किस्से सुनें हैं अभी !
खुदा से ही खुदाई ,
खुद भी सिर्फ खुदा से !!
डॉ अनुज कुमार चौहान "अनुज"
अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश)

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