Homeकविता महबूब-ए खुदा से byआवाज़-ए-हिन्द -September 24, 2020 किताबी हसरतें पाली ,महबूब-ए खुदा से !जुदाई भी सहूँ ना,अलविदा कह दूँ खुदा से !!मनन्नतों और जन्नतों के ,चंद किस्से सुनें हैं अभी !खुदा से ही खुदाई ,खुद भी सिर्फ खुदा से !!डॉ अनुज कुमार चौहान "अनुज"अलीगढ़ (उत्तर प्रदेश) Tags: कविता Facebook Twitter