गीत : ऋतुराज आया
स्वागत करें सब मिलकर, ऋतुराज आया,
ताली बजाएं सब, आवाज का साज आया।
बागों में बहार है, मन में मचलता प्यार है
हंसता मदमाता ऋतुओं का सरताज आया।
स्वागत करें सब……….
डाली डाली फूल खिले, मंडरा रहे हैं भंवरे,
नई मस्ती संग संग, नया अंदाज आया।
दामन में सारी खुशबू लिए, बहता बयार,
स्वर्ण रथ पर सवार, होकर आज आया।
स्वागत करें सब………..
घूंघट में दुल्हन जैसे, शरमा रही बहार,
हृदय तल से करती है, बसंत से प्यार।
मौसम हुआ सुहाना, दिल हुआ दीवाना,
कण कण में खुशी, ऐसा मिजाज लाया।
स्वागत करें सब…………..
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
नासिक (महाराष्ट्र)/
जयनगर (मधुबनी बिहार)/
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