कहानी एक पर्यावरण योद्धा की जिनकी जिम्मेदारी मिशाल बन गई ।

कहानी एक पर्यावरण योद्धा की जिनकी जिम्मेदारी मिशाल बन गई ।

गर इंसान ठान ले तो मंजिल कोई दूर नहीं होती ।
कोशिश करने वालों की भी कभी हार नहीं होती।।
एस डी एम श्री मांगे राम चौहान जिन्होंने एक किसान परिवार में जन्म लिया । एक संस्कारिक वातावरण में पल बढ़कर उच्च शिक्षा ग्रहण की । अक्सर ग्रामीण क्षेत्र में बच्चों का रुझान अधिकतर पुलिस फोर्स आदि की तरफ अधिक होता है । उच्च नौकरी की तरफ अधिक ध्यान नहीं दिया जाता । देखने में आता है कि ग्रामीण क्षेत्र से गिने चुने अभ्यर्थी ही यूपीएससी ( आई ए एस,आई पी एस, पीसीएस )आदि की परीक्षा निकाल पाते हैं ।
मन में इच्छा थी एक बड़ा अधिकारी बनने की लिहाज़ा तैयारी शुरू कर दी । और पीसीएस की परीक्षा उत्तीर्ण कर ली ।
विभिन्न स्थानों पर पोस्टिंग होते हुए उसके बाद अमरोहा में नौगावां सादात व मंडी धनौरा तहसील का पदभार ग्रहण किया । गर्मी के दिनों में ग्लोबल वार्मिंग पर एक दिन टीवी पर विशेष प्रोग्राम दिखाया जा रहा था ।उसे देखकर उनके मन में भी पर्यावरण संरक्षण के प्रति भाव जागने शुरू हो गये ।
उन्होंने निर्णय लिया कि जो भी व्यक्ति उनसे मिलने आयेगा पर्यावरण संरक्षण की शपथ दिलाई जाएगी । लिहाजा उन्होंने अपने आफिस के मेन गेट पर ही पर्यावरण संरक्षण का शपथ पत्र लिखवा दिया ।इसी के साथ जिसे जमानत करानी है ।वह कम से कम पांच पौधे रोपित करेगा ।जो जमानत करायेगा वह भी कम से कम पांच पौधे लगायेगा । धीरे धीरे उनकी मुहिम जोर पकड़ने लगी । लोगों में पर्यावरण संरक्षण के प्रति उत्साह बढ़ने लगा ।
धीरे धीरे बात देश से लेकर विदेशों तक फैलने लगी ।कोरोना काल में भी जिस जिम्मेदारी का परिचय दिया । नौकरी के साथ खुद को पर्यावरण को समर्पित कर दिया । अपने लड़के की शादी में भी दहेज में दो पौधे लिए ।
और द्वार पूजन से पहले ही दुल्हा-दुल्हन के जोड़े को पौधे रोपने के बाद ही ग्रह प्रवेश कराया गया ।
आज उनकी देखा देखी पर्यावरण संरक्षण को ध्यान में रखकर बहुत से लोग शादी व्याह के मौके पर हंसी खुशी से वृक्षारोपण करते हैं । और ऐसे मौकों पर उन्हें बुलाने से नहीं चूकते ।
कारवां बढ रहा है धीरे धीरे मंजिलें आसमान छूने को ,
हरी भरी धरती भी कहती हैं बढ़ो हरियाली बढ़ाने को ।।
वृक्ष पर्यावरण सुरक्षित कर सकते खूब वृक्ष लगाओ तुम ,
खूब वृक्ष लगाकर भैया आज पर्यावरण को बचाओ तुम ।
तहसील प्रांगण से लेकर क्षेत्र में जहां भी जाते हैं सबसे पहले वृक्षारोपण के प्रति प्रोत्साहित करना उनका मुख्य उद्देश्य बन चुका है । इसी के साथ उनकी देखा देखी अनेकों अधिकारी कर्मचारियों में भी वृक्षारोपण के प्रति एक अनोखा भाव पनप रहा है ।
बेहद कर्तव्य निष्ट और पर्यावरण के लिए समर्पित योद्धा जिन्हें बड़े बड़े मंचों पुरस्कृत भी किया जा चुका है । और एक पर्यावरण योद्धा के रूप में अपनी अमिट पहचान कायम करते जा रहे हैं ।
ज़िन्दगी तो पल पल खिसक रही है हवाओं की रवानी की तरह ।
मगर वो हैं फूलों की तरह खिल रहे हैं खिलती जवानी की तरह ।।
पौधों में भी जीवन है खिलते बचपन की सुन्दर कहानी की तरह ।
मुरझाती जिन्दगी को बनाएं हम नदी के निर्मल पानी की तरह ।।
वृक्ष लगाकर पर्यावरण बचाएं बहती हवाओं की रवानी की तरह ।
आक्सीजन का श्रोत है ये ज़िन्दगी की किताब की कहानी की तरह ।।
देखा जाए तो सभी अधिकारी कर्मचारी गणों को भी पर्यावरण के प्रति लोगों में उत्साह का संचार पैदा करना चाहिए । जिससे प्रदूषित होते वातावरण को एक नयी संजीवनी मिल सके । विशेषकर बड़े शहरों में जिस प्रकार से वायु प्रदूषण लगातार बढ़ता चला जा रहा है । उसके दुष्परिणाम हम सबके सामने आ रहे हैं ।कोरोना काल में हमने अशुद्ध होती हुई वायु के कारण कितने बड़े स्तर पर आक्सीजन का अभाव महसूस किया है ।ऐसी परिस्थिति में हम सब का दायित्व है खुद पर्यावरण योद्धा बनकर वृक्षारोपण करें । और अन्य लोगों को भी प्रोत्साहित करें ।
मशाल जल उठी और कदम किसी ने बढ़ा दिए मंजिल दिखाने के लिए ।
आओ हम सब सह पथ गामी बनें उस मशाल को आगे बढ़ाने के लिए ।।
होगी जब शुद्ध हवा तो आसमान भी खुशियों के गीत सुनायेगा ।
वृक्षों पर पंछियों के कलरव से दूर दूर तक आसमान गूंज जायेगा ।।
जय हिन्द जय भारत वंदेमातरम
चन्द्र शेखर शर्मा मार्कंडेय
जनपद अमरोहा उत्तर प्रदेश
मोबाइल न 8192078541

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