(मंगलवार विशेष रचना)
“बड़ा सुहाना हनुमान जी का मंगलवार है,
आज राम भक्तों को सप्रेम नमस्कार है।“
जोरों से चल रहे हैं, राम मंदिर के काम,
बजरंगबली बैठे हैं, जाकर अयोध्या धाम।
फिर से शान लौट आई है राम नगरी की,
सरयू की धारा भी जप रही है राम नाम।
बोलो जय श्री राम, बोलो……….
राम की रामायण कभी हुई नहीं पुरानी,
लेकिन अयोध्या लिख रही नई कहानी।
राम नाम के साथ ही वहां सुबह होती,
राम नाम के साथ ही होती नित शाम।
बोलो जय श्री राम, बोलो…………
हर भक्त आज जाना चाहता अयोध्या,
राम भक्तों को मौका दे रही अयोध्या।
गदा हनुमान की, हटना नहीं चाहती है,
सारी दुनिया कर रही करबद्ध प्रणाम।
बोलो जय श्री राम, बोलो…………..
अयोध्या में रमा है हनुमान जी का मन,
यही उनका कर्तव्य, यही उनका जीवन।
राम नाम जपती अच्छी लगती टोलियां,
सच्चा है राम नाम, सुंदर उनका धाम।
बोलो जय श्री राम, बोलो……..
प्रमाणित किया जाता है कि यह रचना स्वरचित, मौलिक एवं अप्रकाशित है। इसका सर्वाधिकार कवि/कलमकार के पास सुरक्षित है।
सूबेदार कृष्णदेव प्रसाद सिंह,
जयनगर (मधुबनी) बिहार/
नासिक (महाराष्ट्र)
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भजन