हे दानवीरों सुन लो जरा

हे दानवीरों सुन लो जरा

हे दानवीरों सुन लो जरा कुछ रक्त दान तुम करते जाना ।
मृत्यु शैय्या पर जीवन को भी अमृत पान कराते जाना ।
मत विवादों में बहाओं रक्त को कीमत इसकी समझो तुम,
रक्त बहाने से अच्छा है इसका कुछ  दान तुम करते जाना।

जीवन तुम्हारा धन्य होगा और किसी का जीवन बचेगा ।
कुछ रक्त की बूंदों से तड़पते मनुज को  जीवन मिलेगा ।
हे दानवीरों सुन लो जरा कुछ रक्त दान तुम करते जाना।
जीवन के हर क्षण में  नया सबेरा तुम हमेशा भरते जाना।

देखो जरा  सी बात पर यूं क्यूं सड़कों पर रक्त बहाते हो ।
अपने जीवन की होली जलाकर क्यों विवाद बन जाते हो।
कुछ जीवन का मूल्य समझो रक्त यूं न व्यर्थ बहाओ तुम ।
रक्त की कुछ बूंदें देकर औरों का भी जीवन बचाओ तुम।।

जब दिन निकले तब हो सबेरा खुद को ही समझो अब ।
व्यर्थ रक्त बहाने से अच्छा है इसकी कीमत समझोगे कब।
हे दानवीरों सुन लो जरा कुछ रक्त दान तुम करते जाना।
जीवन का कुछ हिस्सा मानवता को समर्पित करते जाना ।

कुछ रक्त पिपासु जो रक्त बहाने से भी कभी नहीं डरते हैं।
जैसे वे औरों का रक्त बहाते उसी तरह कहीं वे भी मरते हैं
मानवता के हित रक्षक बनकर अपना धर्म निभाओ तुम ।
अपने रक्त की कुछ बूंदों से तड़पते मनुज को बचाओ तुम।

हिंदी है हम वतन है जो जीवन का हम मूल्य समझते हैं ।
भारत मां के वीर सपूत जो मां के चरणों में शीश रखते हैं।
हम जीवन से शत्रु भाव नहीं हम जीवन में रंग भरते हैं ।
हम भारत मां के प्रेम पुजारी मानवता के हित चिंतक है ।

हे दानवीरों सुन लो जरा कुछ जीवन दान तुम करते जाना
धन दौलत का दान ही नहीं रक्त दान भी तुम करते जाना।
भारत मां के चरणों में कोटि-कोटि नमन तुम करते जाना।
अपने रक्त की कुछ बूंदों से तड़पते मनुज को तुम बचाना।

हे दानवीरों सुन लो जरा कुछ रक्त दान तुम करते जाना।
भारत मां के चरणो में सब मिलकर फिर शीश झुकाना ।
अपने जीवन के कुछ अंशों को मानवता हित तुम लगाना।
रक्त दान करके तुम मानवता के रक्षक फिर तुम कहलाना

जय हिन्द जय भारत वंदेमातरम
चन्द्र शेखर शर्मा मार्कंडेय जनपद अमरोहा उत्तर प्रदेश 

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