सोने की चिड़िया है भारत
भारत की यह बोली अनमोल
झलके संस्कृति सभ्यता जिसमें
हिंदी मातृभाषा हमारी है अनमोल!
मेरे प्यारे बच्चों मातृभाषा हिंदी में,
रखना सदैव रुचि अपनी हरदम
कितने ही भाषाओं का ज्ञान रहे
परंतु सदैव हिंदी का भी ध्यान रहे
यह मान सम्मान है हमारा देश का
इसको रखना सदैव तुम संभाल !
इसमें झलकता है प्रेम हमेशा से,
दादी नानी की कहानी के रूप में
बचपन अपना फिर कर लेना याद
जब भी तुम को नींद आती थी तब,
मां भी हिंदी में ही लोरिया गाती ।
आओ हम हिंदी का मान बढ़ाएं
विश्व में हिंदी का परचम लहराए
हिंदी में हम सब मिलकर गाए
मातृभाषा के गीत नए अनमोल।
हिंदी हमारी है सबसे प्यारी,
भाषाओं में यह राजदुलारी।
जय हिंद जय भारती
प्रतिभा दुबे (स्वतंत्र लेखिका)
मध्य प्रदेश ग्वालियर
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कविता