अवचेतन मन...
मानसिक क्रिया प्रतिपल
विचारों से प्रेरित होती है
आवेग और बुद्धिमत्ता से
ये मन में केन्द्रित होती है
अवचेतन मन हमेशा ही
हमारी मदद तो करता है
महात्वाकांक्षा के सपनों
को पूरा अदद करता है।
मानव की सुषुप्त शक्ति
उत्साह संचार करती है
नैराश्य की प्रतिकूलता
खुद का संहार करती है।
स्मृतियों की उथल-पुथल
से स्वप्न संसार सजाते हैं
अव्यक्त अभिव्यक्ति मन
ये उत्पन्न विचार बताते हैं
मानव के विराट सपनों
में सूक्ष्म प्रवाह रहता है
जीवन के झंझावातों में
ये मूल्य निर्वाह करता है।
एम.एल. नत्थानी
रायपुर, छत्तीसगढ़
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कविता