विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन भोपाल
नेल्सन मंडेला अन्तर्राष्ट्रीय दिवस या मंडेला दिवस वार्षिक अन्तर्राष्ट्रीय दिवस है जो हर साल 18 जुलाई को नेल्सन मंडेला जी के जन्मदिन पर उनके सम्मान में मनाया जाता है। इस दिवस को हर साल मनाने की घोषणा 2009 में संयुक्त राष्ट्र द्वारा की गयी थीऔर पहला संयुक्त राष्ट्र मंडेला दिवस 18 July 2010 को मनाया गया था। हालांकि दूसरे समूहों ने यह दिवस 18 जुलाई 2009 को मनाना शुरू किया।
यह दिवस नेल्सन मंडेला द्वारा दक्षिण अफ्रीका में रंगभेद एवं भेदभावपूर्ण प्रणाली को समाप्त करने में उनके महत्वपूर्ण योगदान के कारण मनाया जाता है। 27 April 2009 को मंडेला दिवस को शासकीय तौर पर मनाने के लिए ४६६६४ कंसर्ट्स और नेल्सन मंडेला फाउंडेशन ने मिलकर वैश्विक समुदाय का समर्थन माँगा। मंडेला दिवस एक सार्वजनिक अवकाश नहीं बल्कि एक ऐसा दिवस है जो दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला जी के द्वारा अपनाये गए मूल्यों के सम्मान में, स्वयं सेवा और सामुदायिक सेवा करके मनाया जाता है। नेल्सन मंडेला को रंगभेद के विरुद्ध लड़ाई लड़नेवाले विश्व नेता के रूप में जाना जाता है।
उन्होंने दक्षिण अफ्रीकन विश्वविद्यालय से अपनी बी.ए ( की डिग्री प्राप्त की और 1943 में अपनी स्नातक स्तर की पढ़ाई पूरी करने के लिए वे वापिस फोर्ट हैर चले गए। मंडेला जी 1944 में यअफ्रीकन राष्ट्रीय कांग्रेस का हिस्सा बने और ए न सी युथ लीग बनाई। 1989 में कारावास के आखिरी महीनो में उन्होंने साउथ अफ्रीका विश्वविद्यालय से एल.एल.बी की डिग्री प्राप्त की।
1944 में नेल्सन मंडेला ने एवेलिन मेस से विवाह किया। उनके दो बेटे और दो बेटियां हुई। उनकी दो बेटियों में से पहली बेटी की बचपन में ही मृत्यु हो गयी थी। 1958 में मंडेला और उनकी पत्नी का तलाक़ हो गया था।
1952 में मंडेला को अवज्ञा अभियान के राष्ट्रीय स्वयंसेवी प्रमुख के रूप में चुना गया और फिर राष्टीय उपाध्यक्ष चुने गए । यह अभियान ए न सी और दक्षिण अफ्रीकन भारतीय कांग्रेसके बीच 6 अन्यायपूर्ण कानूनों के विरोध में शुरू किया गया एक संयुक्त प्रोग्राम था। इस अभियान का हिस्सा होने के कारण मंडेला को 11 अन्य लोगों के साथ नौ महीने का कारावास हुआ ।
11 जनवरी 1962 को नेल्सन मंडेला डेविड मोत्सामयी नाम का इस्तेमाल कर चुपके से दक्षिण अफ्रीका छोड़कर चले गए। उन्होंने मोरक्को ओर इथियोपिया में मिलिट्री ट्रेनिंग ली और जुलाई 1962 में वापिस दक्षिण अफ्रीका लौट गए। उन्हें 5 अगस्त को पुलिस द्वारा गिरफ्तार कर लिया गया।
उन पर यह आरोप लगाया कि वे अनुमति के बिना देश छोड़कर गए और उन्होंने कर्मचारियों को हड़ताल करने के लिए उत्तेजित किया। नेल्सन मंडेला को अपराधी घोषित कर उन्हें 5 साल का कारावास हुआ। बाद में पुलिस ने मंडेला के और भी कई साथियों को गिरफ्तार किया।
९ अक्टूबर १९६३ को मंडेला के साथ 10 और लोगों का तोड़-फोड़ करने के लिए ट्रायल किया गया जिसे रिवोनिआ ट्रायल कहा जाता है। उन्हें वर्ष 1964 में आजीवन कारावास की सजा सुनाई गई और 1964 से वर्ष 1990 तक रंगभेद और अन्याय के खिलाफ लड़ाई के चलते अपने जीवन के 27 साल कारागार में व्यतीत करने पड़े। कारागार में उनसे कोयला खनिक का काम करवाया गया ।
11 फरवरी 1990 को मंडेला जी को रिहा कर दिया गया। मंडेला जी को 1991 में उनके बीमार दोस्त ओलिवर तम्बोके स्थान पर ए.एन.सी का प्रेजिडेंट चुना गया।
१९९३ में मंडेला और दक्षिण अफ्रीका के राष्ट्रपति फ्रेडरिक विल्लेम डी क्लार्क को एक साथ नोबेल शान्ति पुरस्कार से नवाज़ा गया और 27 अप्रैल 1994 को नेल्सन ने जीवन में पहली बार वोट दिया।10 मई 1994 को मंडेला दक्षिण अफ्रीका के पहले लोकतांत्रिक तरीके से चुने गए राष्ट्रपति बने।
। ५ दिसंबर २०१३ को जोहानसबर्ग में स्थित उनके घर पर उनकी मृत्यु हुई।
नेल्सन मंडेला फाउंडेशन नेल्सन मंडेला द्वारा वर्ष 1999 में स्थापित की गयी। नेल्सन मंडेला फाउंडेशन के संस्थापक सिद्धांत है :
नेल्सन मंडेला फाउंडेशन का उद्देश्य है गंभीर सामाजिक समस्याओं पर बात कर, मंडेला जी के जीवन के बारे में लोगो को जानकारी देकर एक समान समाज के लिए अपना योगदान देना।
2 अप्रैल 2015 को संयुक्त राष्ट्र महासभा ने 69/269 रेसोलुशन के माध्यम से नेशंस नेल्सन रोलिहलाहला मंडेला पुरस्कार की घोषणा की। नेल्सन मंडेला पुरस्कार पहली बार वर्ष 2015 में दिया गया था और दूसरी बार 2020 में दिया गया। यह पुरस्कार हर 5 सालों में एक बार दिया जाता है।
२४ सितम्बर २०१८ को विश्व नेता, नेल्सन मंडेला शांति शिखर सम्मेलन पर न्यू यॉर्क में स्थित संयुक्त राष्ट्र के मुख्यालय में एकत्रित हुए। इस शिखर सम्मलेन में करीब 100 देशों के प्रमुख, मंत्री, सदस्य देश आदि ने नेल्सन मंडेला जी को श्रद्धांजलि देते हुए एक राजनीतिक डिक्लेरेशन अपनाया जो एक समान, शांतिपूर्ण, समृद्ध, समावेशी और निष्पक्ष विश्व के निर्माण की ओर प्रतिबद्ध है।
इस दिवस पर मंडेला जी को उनकी विनम्रता, क्षमाशीलता ओर दयालुता के भाव को सलाम किया गया।
नेल्सन मंडेला जी द्वारा कही गयी कुछ बातें
1. एक विजेता सपने देखने वाला वो व्यक्ति है जो कभी हार नहीं मानता।
2. जब तक कोई काम पूरा नहीं हो जाता तब तक वो हमेशा असंभव सा लगता है।
3. मैं कभी हारता नहीं हूँ। मई या तो जीतता हूँ या सीखता हूँ।
4. आप किसी काम में तभी सफल हो सकते हैं जब आप उस पर गर्व करें।
5. साहसी लोग, शान्ति बनाये रखने के लिए, क्षमा करने से नहीं डरते।
6. शिक्षा सबसे शक्तिशाली शस्त्र है जिसे आप दुनिया बदलने के लिए इस्तेमाल कर सकते हैं।
7. एक व्यक्ति की अच्छाई उस लौ की तरह है जिसे छुपाया जा सकता है लेकिन बुझाया नहीं जा सकता।
8. मुझे मेरी सफलताओं से मत आंकिए बल्कि जितनी बार गिरा हूँ और गिरकर उठा हूँ, उस बल पर आंकिये।
9. मैं अपने भाग्य का मालिक हूँ और मैं ही अपनी आत्मा का मार्गदर्शक हूँ।
10. यदि आप ये तय कर लेते हैं कि मुझे इस मुसीबत से निकलना है तो ज़रूर निकल जाएंगे।
पुरस्कारों की सूची
1. 1993 में दक्षिण अफ्रीका के पूर्व राष्ट्रपति फ़्रेडरिक विलेम डी क्लार्क के साथ संयुक्त रूप से नोबेल शांति पुरस्कार
2. ऑर्डर ऑफ़ लेनिन
3. भारत रत्न
4. प्रेसीडेंट मैडल ऑफ़ फ़्रीडम
5. निशान-ए–पाकिस्तान
6. 23 जुलाई 2008 को गाँधी शांति पुरस्कार
लिखी गयी कुछ किताबें---1.लॉन्ग वाक टू फ्रीड २ कन्वर्सेशन विद माइसेल्फ
3. द प्रिजन लेटर्स ऑफ़ नेल्सन मंडेला 4.नो इजी वाक टू फ्रीडम
5. द स्ट्रगल इस माय लाइफ
विद्यावाचस्पति डॉक्टर अरविन्द प्रेमचंद जैन संरक्षक शाकाहार परिषद् A2 /104 पेसिफिक ब्लू ,नियर डी मार्ट, होशंगाबाद रोड, भोपाल 462026 मोबाइल ०९४२५००६७५३
सी ५०४ कुंदन एस्टेट ,कांटे बस्ती ,पिम्पले सौदागर ,पुणे महाराष्ट्र .४११०२७
Tags:
देश विदेश